Book Title: Sramana 2010 10
Author(s): Ashok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 102
________________ लेखक डॉ. सागरमल जैन Dr. Sagarmal Jain विषय समाज एवं संस्कृति समाज एवं संस्कृति वर्ष ५१ ५१ अंक ई.सन् पृष्ठ १०-१२ २००० १२७-१४५ १०-१२ २००० १४६-१५८ लेख पुण्य की उपादेयता का प्रश्न Introduction to Dr. Charlotte Krause : Her life and literature Foreword : Aparigraha : The Humane Solution Spiritual Foundation of Jainism Dr. Sagarmal Jain ५१ १०-१२ २००० १५९-१६२ Dr. Sagarmal Jain ५१ १०-१२ २००० १६३-१७५ डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय अनेकान्तवाद : मूल्यपरक शिक्षा के यन्त्र के रूप में जैन तत्त्व चिन्तन की वैज्ञानिकता ५२ १-३ २००१ १-१० । डॉ. कमलेश कुमार जैन धर्म, साधना, नीति एवं आचार दर्शन-तत्त्व-मीमांसा एवं मीमांसा दर्शन-तत्त्व मीमांसा और ज्ञान मीमांसा दर्शन-तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा आगम और साहित्य आगम एवं साहित्य समाज एवं संस्कृति इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला विविध ५२ ५२ ५२ ५२ १-३ १-३ १-३ १-३ २००१ २००१ २००१ २००१ ११-१६ १७-२० २१-२९ ३०-३८ वराङ्गचरित : एक महाकाव्य श्री जितेन्द्र कुमार सिंह अपभ्रंश साहित्य में पर्यावरण चेतना डॉ. प्रेमचन्द्र जैन पर्यावरण चिन्तन : जैन वाङ्मय के सन्दर्भ में डॉ. संगीता मेहता जालोर मण्डल में जैन धर्म और अध्ययन सम्बन्धी डॉ. सोहनकृष्ण पुरोहित स्त्रोत सादड़ी के प्रतिमालेख में उल्लिखित हेमतिलक डॉ. शिवप्रसाद सूरि कौन? श्रमण अतीत के झरोखे में (द्वितीय खण्ड) : १०१ ५२ ५२ १-३ १-३ २००१ २००१ ३९-५६ ५७-६०

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