Book Title: Sramana 2010 10
Author(s): Ashok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 111
________________ विषय वर्ष अंक ई.सन् पृष्ठ लेख जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में वस्तु-स्वातन्त्र्य एवं द्रव्य की अवधारणा भगवती आराधना में समाधिमरण के तत्त्व लेखक कु. अल्पना जैन ५४ ७-९ २००३ ६२-७१ डॉ. सुधीर कुमार राय दर्शन-तत्त्व-मीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा धर्म, साधना, नीति एवं आचार आगम एवं साहित्य समाज एवं संस्कृति रजनीश शुक्ल डॉ. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव ५४ ५४ ५४ ७-९ ७-९ ७-९ २००३ २००३ २००३ ७२-८० ८१-९३ ९४-९७ वज्जालग्गं का काव्यात्मक मूल्य पूर्वमध्यकाल में स्त्रियों की दशा । (त्रिशुष्टिशलाकापुरुषचरित के सन्दर्भ में) भारतीय कला को बुद्ध का अवदान ११० : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ४/ अक्टूबर-दिसम्बर-१० प्रो. अंगने लाल इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ४ ७-९ २००३ ९८-१०४ एलोरा की महावीर मूर्तियाँ ६ डॉ. आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला डॉ. शिवप्रसाद इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ७-९ २००३ १०५-११० खरतरगच्छ-बेगड़ शाखा का इतिहास ५४ ५४ ७-९ ७-९ २००३ १११-१२३ २००३ १२४-१३२ Mangilal Bhutodia Myth of Lord Mahāvīra's Embryo-Transfer in Jaina scriptures Religious Aspect on Non-violunce Dr. B.N. Sinha ५४ ७-९ २००३ १३३-१५६ धर्म, साधना, नीति एवं आचार दर्शन-तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा जैन दर्शन में द्रव्यदृष्टि एवं पर्यावरणीय नीतिशास्त्र का डॉ. रामकुमार गुप्त पारस्परिक सम्बन्ध ५४ १०-१२ २००३ १-५

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