Book Title: Sramana 2010 10
Author(s): Ashok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 123
________________ लेख लेखक वर्ण व्यवस्था - जैन धर्म तथा हिन्दू धर्म के सन्दर्भ में डॉ. दीपंजय श्रीवास्तव हिन्दू परम्परा में कर्म सिद्धान्त की अवधारणा भारतीय विद्या में शब्दविषयक अवधारणा का विकास दुःख का कारण कमी नहीं कामना डॉ. रजनीश शुक्ल डॉ. जयन्त उपाध्याय कन्हैया लाल लोढ़ा डॉ. राघवेन्द्र पाण्डेय डॉ. उमाकान्त पी. शाह डॉ. अशोक प्रियदर्शी जैन आगमों में शिल्प : एक दार्शनिक दृष्टि तीर्थंकरों की मूर्तियों पर उकेरित चिन्ह फतेहपुर सीकरी से प्राप्त श्रुतदेवी (जैन सरस्वती) की प्रतिमा कला की अनुपम कृति जबलपुर का श्री शीतलनाथ मंदिर स्मृति प्रमाण (प्रमाणमीमांसा के सन्दर्भ में) एक समीक्षात्मक अध्ययन Dravya, Guna and Paryaya in Jaina Thought Environmental Aspect of Non-violence Philosophilogy Interpretations of Religion Buddhists Ethics and its contemporary relevance कृष्ण मुरारी पाण्डेय भूपेन्द्र शुक्ल Jayendra Soni Dr. B.N. Sinha Prof. S.P. Dubey Dr. R.K. Gupta अंक ई.सन् ३-४ २००६ ३-४ २००६ ३-४ २००६ ५७ ३-४ २००६ २००६ २००६ विषय ज्ञान मीमांसा समाज एवं संस्कृति समाज एवं संस्कृति इतिहास, कला और पुरातत्व समाज एवं संस्कृति इतिहास, पुरातत्व एवं कला ५७ इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ५७ इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ५७ ३-४ दर्शन - तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा ५७ दर्शन - तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान ५७ मीमांसा धर्म, साधना, नीति एवं आचार ५७ धर्म, साधना, नीति एवं आचार ५७ धर्म, साधना, नीति एवं आचार ५७ वर्ष * 3 3 3 3 3 3 3 3 ५७ ५७ ५७ ५७ ३-४ ३-४ ३-४ ३-४ ३-४ ३-४ ३-४ ३-४ ३-४ पृष्ठ ८०-८९ ९०-९५ ९६ - १०४ १२५-१३१ २००६ १३२-१३९ २००६ १४०-१४४ २००६ २००६ १०५ - ११३ ११४- १२४ २००६ १४५-१४७ २००६ २००६ २००६ १४८ - १५६ १५७-१७३ १७४ - १८४ १८५ - १९६ १९७ - २०२ १२२ : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ४ / अक्टूबर-दिसम्बर - १०

Loading...

Page Navigation
1 ... 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138