Book Title: Sramana 2010 10
Author(s): Ashok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 134
________________ लेखक Dr.Vijay Kumar विषय समाज और संस्कृति वर्ष ६० अंक १ ई.सन् २००९ पृष्ठ ८३-८८ Km. Richa Singh इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ६० १ २००९ ८९-९२ लेख Religious Exclusion : A threat to social Equality in Jaina Perspective Śrāvasti - The secred Place of Śramaņa Tradition समाधिमरण और प्रायोपवेशन : श्रमण दृष्टि और वैदिक दृष्टि भगवद्गीता और जैन साहित्य जैन दर्शन में कर्मवाद डॉ. श्रीरंजन सूरिदेव धर्म, साधना, नीति एवं आचार ६० २-३ २००९ १-८ २-३ २००९ ९-१८ 'आख्यानकमणिकोश' का समीक्षात्मक अध्ययन २-३ २-३ २००९ २००९ डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय आगम एवं साहित्य ६० डॉ. सोहन राज तातेड़ दर्शन-तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा ६० डॉ. एच.सी. जैन आगम और साहित्य ६० डॉ. इन्दुबाला जैन डॉ. सरोज कुमार वर्मा धर्म, साधना, नीति एवं आचार ६० डॉ. अयोध्या नाथ त्रिपाठी समाज और संस्कृति ६० डॉ. राहुल कुमार सिंह धर्म, साधना, नीति एवं आचार ६० १९-३० ३१-३६ ३७-४४ २-३ २-३ २-३ २००९ २००९ २००९ महावीर की अहिंसा : ओशो की दृष्टि में प्राग्बौद्धकालीन श्रमण संस्कृति की समन्वयधर्मिता जैन विचारणा के नित्यानित्यात्मवाद की नैतिक अपरिहार्यता स्वास्थ्य संरक्षण में योग की उपादेयता जैन एवं वैदिक दृष्टि जैन दर्शन में पुरुषार्थ की अवधारणा श्रमण अतीत के झरोखे में (द्वितीय खण्ड) : १३३ डॉ. अरुण कुमार सिन्हा धर्म, साधना, नीति एवं आचार ६० २-३ २००९ ६०-६४ नमिता कपूर दर्शन-तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा ६० २-३ २००९ ६५-६८ ।

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