Book Title: Sramana 2010 10
Author(s): Ashok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 127
________________ ई.सन् लेख मध्यकालीन भारतीय प्रतिमा लक्षण पृष्ठ ७-१५ २००७ लेखक विषय वर्ष अंक डॉ. मारुति नन्दन प्रसाद इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ५८ तिवारी डॉ. हरिशंकर पाण्डेय इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ५८ . ४ डॉ. एस.पी. सिंह इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ५८ ४ साध्वी डॉ. आर्चना दर्शन-तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा ४ डॉ. भूपेन्द्र शुक्ला दर्शन-तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान मीमांसा ४ डॉ. राज नारायण सिंह तुलनात्मक ४ २००७ २००७ आचारांग में भारतीय कला जैन धर्म और ब्रज मध्ययुगीन संत-काव्य में जैन-न्याय का निक्षेप-पद्धति जैन दर्शन में प्रत्यभिज्ञान प्रमाण १६-२२ २३-३१ २००७ ३२-३७ १२६ : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ४/ अक्टूबर-दिसम्बर-१० २००७ ३८-४२ २००७ १४३-४६ ४ २००७ १४७-५१ हठयोग एवं जैनयोग में प्रत्याहार का स्वरूप : एक तुलनात्मक अध्ययन जैन पोथियों में जैनेतर दृश्य जैन दर्शन एवं श्री अरविन्द के दर्शन में चेतना का स्वरूप : एक तुलनात्मक सर्वेक्षण The contribution of Bhuddhism to the world of art and Architecture Venerable Jaina Architecture and Images of western India under the western Kşatrapas The concept of Mind (Manas) in Jaina Philosophy डॉ. शैलेन्द्र कुमार विविध ५८ डॉ. अवनीश चन्द पाण्डेय दर्शन-तत्त्व मीमांसा और ज्ञान मीमांसा ५८ Dr.RewatDhamma इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ५८ ४ ४ २००७ २००७ ५२-५८ ६१-७२ इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ५८ ४ २००७ ७३-८३ Prof. Rasesh Jamindar Dr. S.P. Pandey दर्शन-तत्त्व मीमांसा एवं ज्ञान ५८ मीमांसा ४ २००७ ८४-९७

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