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लेख
लेखक लब्धिवाणी
श्री चेनराज लूणिया चौबीस तीर्थंकर भगवान् के चौबीस स्तवन श्री लब्धिसूरि आचार्य लब्धिसूरिकृत कतिपय ग्रन्थों की नामावली भद्रबाहु सम्बन्धी कथानकों का समीक्षात्मक डॉ. सागरमल जैन अध्ययन 'कौमुदीमित्रानन्द' में प्रतिपादित आचार्य रामचन्द्रसूरि डॉ. सागरमल जैन की जैन जीवन-दृष्टि अंगविज्जा और नमस्कार महामन्त्र की विकास-यात्रा डॉ. सागरमल जैन जीवसमास : एक परिचय
डॉ. सागरमल जैन
विषय समाज एवं संस्कृति समाज एवं संस्कृति आगम एवं साहित्य आगम और साहित्य
वर्ष ५१ ५१ ५१ ५१
अंक ई.सन् ७-९ २००० ७-९ २००० ७-९ २००० १०-१२ २०००
१२० १-२३
समाज एवं संस्कृति
११
१०-१२ २०००
२४-२९
१०० : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ४/ अक्टूबर-दिसम्बर-१०
१०-१२ २०००
३०-३६
जैन विद्या के अध्ययन की तकनीक कषायमुक्ति : किलमुक्तिरेव
१०-१२ २००० १०-१२ २०००
३७-६६ ६७-७५
डॉ. सागरमल जैन डॉ. सागरमल जैन
इतिहास एवं पुरातत्व कला ५१ दर्शन-तत्त्वमीमांसा एवं ज्ञानमीमांसा
५१ आगम एवं साहित्य ५१ धर्म, साधना, नीति एवं आचार
५१ आगम और साहित्य ५१ आगम एवं साहित्य ५१
डॉ. सागरमल जैन डॉ. सागरमल जैन
१०-१२ २००० ७६-९३ १०-१२ २००० ९४-१०१ १०-१२ २००० १०२-१०७
स्वाध्याय की मणियाँ आचार्य हरिभद्रकृत श्रावकधर्मविधिप्रकरण : एक परिचय अप्रभंश के महाकवि स्वयम्भू : व्यक्तित्त्व एवं कृतित्त्व जैन परम्परा में काशी
डॉ. सागरमल जैन
समाज एवं संस्कृति
५१
१०-१२ २००० १०८-११६
डॉ. सागरमल जैन
इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला ५१ १०-१२ २००० ११७-१२६