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लेख बीसवीं सदी के जैन आन्दोलन जैन-विद्या के विकास हेतु रचनात्मक कार्यक्रम साहु सरणं पवज्जामि कांगड़ा के ऐतिहासिक किले
लेखक डॉ. कमलेश कुमार जैन दुलीचन्द्र जैन पानमल सुराणा श्री महेन्द्र कुमार 'मस्त'
ई.सन् १९९९ १९९९ १९९९
पृष्ठ ६०-७० ७१-७८ ७९-८२
१९९९
८३-८४
एलोरा की जैन सम्पदा
आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव
विषय
वर्ष अंक इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला५० १-३ विविध
५०. १-३ आगम और साहित्य ५० १-३ इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला
५० १-३ इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला
५०. १-३ इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला
५० १-३ इतिहास, पुरातत्त्व एवं कला
५० १-३ आगम एवं साहित्य ५० १-३ आगम एवं साहित्य ५० ४-६ धर्म, साधना, नीति एवं आचार
५० ४-६
९२ : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ४/ अक्टूबर-दिसम्बर-१०
१९९९
८५-८७
तपागच्छ-विजयसंविग्न शाखा का इतिहास
शिवप्रसाद
१९९९ ८८-१०६
नागपुरीयतपागच्छ का इतिहास ।
शिवप्रसाद
The Image of Indian Ethology
Rajmal Jain आचारांग के कुछ महत्त्वपूर्ण सूत्र : एक विश्लेषण डॉ. सुरेन्द्र वर्मा प्रेक्षाध्यान एवं भावातीत ध्यान : एक चिन्तन डॉ. सुधा जैन
१९९९ १०७-१२१ १९९९ १२२-१३६ १९९९ १-१०
१९९९
११-१६
आचार्य राजकुमार जैन
आगम एवं साहित्य
५०
४-६
१९९९
यशस्तिलक चम्पू में आयुर्वेदीय स्वस्थवृत्त सम्बन्धी विषय प्राकृत वैद्यक (प्राकृत भाषा की आयुर्वेदीय अज्ञात जैन रचना)
१७-२६
कुन्दन लाल जैन
आगम एवं साहित्य
५०
४-६
१९९९
२७-५१