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८४ : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ४/ अक्टूबर-दिसम्बर-१०
कई ग्रन्थ आपकी लेखनी से प्रसत हए, कई ग्रन्थों और पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया। विद्यारत्न आदि कई सम्मानों से आप सम्मानित किये गये। आपकी धर्मपत्नी प्रभा देवी ने उनके कंधे से कंधा मिलाकर पूर्ण सहयोग किया। पर्यावरण संरक्षण तथा गो सेवा के लिये निरन्तर प्रयत्न करते रहे। पार्श्वनाथ विद्यापीठ से आपका काफी लगाव था?
एसे मनीषी अध्यात्मप्रेमी और समाजसेवी शरद कुमार 'साधक' के आकस्मिक महाप्रयाण से पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिवार मर्माहत है तथा उनके परिवार को यह दुःख सहन करने की क्षमता प्राप्त हो ऐसी कामना करता है।
श्रमण के नये सदस्य १. श्री अनिल मेहता - ५००/२. श्री सतीश कुमार जैन १०००/३. श्री अतुल जैन
२०००/४. श्री अतिवीर जैन २०००/
विद्यापीठ को प्राप्त सहायता राशि१. श्री तनसुख साल्गिया ७५००/२. श्री सुनील जैन
२७७०/३. श्री अतिवीर जैन (प्रो. विमल दास कोंदिया एवं विद्या देवी जैन की
३५००/
स्मृति में