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| साभार प्राप्ति (क) श्री देवेन्द्रसरि विरचित तथा श्री सर्वोदय सागर जी द्वारा पद्यानुवादित
तथा श्री चरित्ररत्न फा.चे. ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित ग्रन्थ१. कर्मविपाक (कर्मग्रन्थ) २. कर्मस्तव (कर्मग्रन्थ), ३. बन्यस्वामित्व (कर्मग्रन्थ), ४. षडशीति (कर्मग्रन्थ) ५. शतक (कर्म ग्रन्थ) ६. सप्ततिका (कर्मग्रन्थ), ७. चैत्य वंदन भाष्य, ८. गुरु वंदन भाष्य
तथा ९. पच्चक्खाण भाष्य। (ख) श्री शांतिसूरि विरचित/श्री अचल गच्छेश, श्री गौतम सागर सूरीश्वर
जी द्वारा गुजराती पद्यानुवादित तथा श्री चरित्ररत्न फा.चे. ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित ग्रन्थ१. जीव विचार प्रकरण, २. दण्डक प्रकरण, ३. नवतत्त्वप्रकरण
तथा ४. लघु संग्रहणी। (ग) कुन्दकुन्द भारती, नई दिल्ली के प्रकाशन
१. वन्दे-तद्गुणलब्धये, सतीश जैन, २. सूतक-पातक न मानने वाला मिथ्यादृष्टि, श्वेतपिच्छाचार्य, विद्यानन्द मुनि, ३. पिच्छि-कमण्डलु, विद्यानन्द मुनि, ४. जैन : शासन ध्वज, ५. वन का पति वनस्पति-मुनि विद्यानन्द तथा ६. पद्मावती, मुनि विद्यानन्द। अन्य स्थानों से प्राप्त ग्रन्थ१. दीपावली पूजनम, पं. हेमन्त जी काला एवं पं. भरत काला, २. जिनशासन का विभूतियाँ, श्री ज्ञानमुनि जी महाराज, श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन संघ, मल्लिश्वरम्, बंगलोर, ३. योगदृष्टि सम्मुच्चय :सटीकः लेखक हरिभद्रसूरि, संपादक- विजयशील चन्द्रसूरि, प्रकाशकश्री जैन ग्रन्थ प्रकाशन समिति, ४. जैन पंचांग, संयोजक- प.पू. मनिराज, प्रकाशक मेवाड़ केशरी फाउण्डेशन, शाहीबाग अहमदाबाद, ५. जैन धर्म में आचारशास्त्रीय सिद्धान्त, खण्ड-१, लेखक-संपादकडॉ. कमलचन्द सोगानी, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्री महावीर जी, राजस्थान, ६. ज्ञानधारा, संपादक- नवनीत कुमार जैन, डॉ. सुधाकर नाथ मिश्रा, श्रुत संवर्द्धन संस्थान, ७. जैन धर्म का इतिहास, भाग१,२,३, कैलाश चन्द्र जैन, प्रकाशक- डी. के. प्रिंटवर्ल्ड (प्रा.) लि.