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अलिराजपुर जैन मंदिरजी
लक्ष्मणी जैन मंदिरजी
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१. श्री अलिराजपूर तीर्थ
श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भाग
२. श्री लक्ष्मणी तीर्थ
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मूलनायक श्री आदिश्वरजी
मूलनायक श्री आदिश्वरजी
यह तीर्थ वडोदरा तरफ से गुजरात से मध्य प्रदेश में प्रवेश करते आता है। यहां भव्य मंदिर है और उपाश्रय धर्मशाला की व्यवस्था है। यहां से लक्ष्मणी तीर्थ ८ कि.मी. है।
मूलनायक श्री पद्मप्रभ स्वामी
यह तीर्थ अलिराजपुर से ८ कि.मी. मुख्य मार्ग पर है। पास में छोटा लक्ष्मणी गांव है।
यहां पद्मप्रभस्वामी और दूसरी प्राचीन भव्य प्रतिमाएं संप्रतिराजा के समय की है जो अत्यन्त मनोहर है। जमीन में से अनेक मंदिर तथा मूर्तियां मिली है और जिससे प्राचीनता देखते हुए यह तीर्थ २००० हजार वर्ष पुराना कह सकते हैं। १५वीं सदी में जयानंदमुनिजी ने यहां प्रवास गीति रची है। जिसमें वि. सं. १४२७ में यहां श्रावक के २००० घर थे और १०१ जिनमंदिर थे। ऐसा जान सकते हैं। सुकृतसागर ग्रन्थ में मांडवगढ़ के मंत्री श्री पेथडशाह के पुत्र मंत्री श्री झांझणशाह श्री शत्रुंजय महातीर्थ का संघ निकाला था वह यहीं रुका था। आखिरी १९९४ में इस तीर्थ का उद्धार हुआ और प्रतिष्ठा आ. श्री विजययतीन्द्र सूरीश्वरजी महाराज के द्वारा हुई है।