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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-२
१५. श्री बालापुर तीर्थ
बालापुर जैन मंदिरजी
मूलनायक श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी
मूलनायक श्री चिंतामणि पार्श्वनाथजी
पहले लकडी का मंदिर था। वि. सं. १९६१ महा सुद ५ शिखरबंधी की प्रतिष्ठा नरपतिचंद्र सू. म. के द्वारा हुई है। फिर प्रतिष्ठा २००७ जेठ सुद ५ तथा सं. २०३० को हुई है।
आरसे के प्रतिमा १६ धातु के १२ है। दूसरा मंदिर गोडी पार्श्वनाथजी का है। जैनों के ६५ घर तथा ४०० की संख्या है। यहां कुल ३० दीक्षाएं हुई है। मुंबई हावड़ा रेल्वे आकोला स्टेशन है। खामगांव से ४० कि.मी. है। जि. आकोला ता. । बालापुर पिन नं. ४४४ ३०२ ।'
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