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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग - २
श्रीवन्तिनाथजी
मूलनायक श्री शांतिनाथजी
श्री शांतिनाथजी जैन मंदिरजी - हुबली मूलनायक श्री शांतिनाथजी
कंचगार गली में यह जिन मंदिर है। पू. आ. श्री विजय यशोदेव सू. म. के द्वारा माह सुदी १३ को प्रतिष्ठा हुई है। यहां ७०० घर है। किशापुर में नाकोडा पार्श्वनाथजी का घर मंदिर है यहां होसुर में श्री संभवनाथजी का शिखरबंध मंदिर है। भोजनशाला है। बंकापुर ५५ कि.मी. है। हुबली पिन - ५८००२८
१०९ कंचगार गली हुबली में कच्छी दशा ओसवाल का श्री अजितनाथजी का मंदिर है। १९९० जेठ सुदी ६ को श्री भद्रानंद सूरीश्वरजी म. के द्वारा प्रतिष्ठा हुई है। यहां धर्मशाला है। यहां जैनों के १०० घर हैं।
अशरण शरण ए जगत तारण, भविजन परम आधार। मेरो. करुणारस सरस सुपरिमल, अमल कमल गुणाधार। मेरो, जन मन रंजन अंजन निर्मल, केवल दृष्टि दातार। मेरो. मरण निवारण अमृत रसायण, सेवा सिद्धि दातार। मेरो, सेवत जिनेन्द्र प्रभुपद लीनो, तारो आ संसार।
मेरो.