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तामिलनाडु विभाग
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श्री संभवनाथस्वामी
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मूलनायक श्री संभवनाथजी
३. श्री वेल्लोर तीर्थ
मूलनायक श्री संभवनाथजी
वहां पू. आ. श्री विजयपूर्णानंदसूरीश्वरजी म. के उपदेश से मंदिर बना है । ता. २-५-१९७१ प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजयभद्रंकरसूरीश्वरजी म. की निश्रा में हुई है। वेल्लोर से ८० कि.मी. तरुपटुर गांव में ५० वर्ष से घर मंदिर है अब शिखरबंधी बन रहा है।
मूलनायक श्री पार्श्वनाथजी
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इस शिखरबंधी मंदिर की प्रतिष्ठा ता. १३-६-१९८१ को पू. आ. श्री विजयपद्मसागर सूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है। वहां जैनों के ५० घर हैं। ३०० की संख्या है स्टेशन भी है घाटवाडी बीलपुरम् नेरोगेज रेल्वे है। तरुपटुर से ८० कि. मी. आई. ओम. पाला अग्राकरम् स्ट्रीट पिन- ६०६६०४ ता. शंभुवराय जि. तिरुवन्ना मलाई
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वेल्लोर जैन मंदिरजी
बीलीपुरम् कारघडी नेरोगेज रेल्वे है कारघडी से ७ कि.मी. आरकोट से २३ कि.मी. है। यहां जैनों के ८० घर हैं। ४५० संख्या है। ठे. सुब्राहण्यम गली पिन- ६३२००४
४. श्री तिरुवन्ना मलाई तीर्थ
खम्मा माता नंदाना लाल, मोहनी केवी लगावी । शीतल गुण धरे शीतल प्रभुजी, शीतल जेहनी छांय । भद्दिलपुरनारुडा ओ राजा, श्रीवत्स लंछन पाथ। राग द्वेष दोय रिपु हणीने, पाम्या केवलज्ञान । गुणो अनंता धारे प्रभुजी, इन्द्र पूजे अकतान। संसार सागर मां डूबता जीवोंने, तारे जेह भगवान । बोले जिनेन्द्र त्रण जगतमां, द्रढ़रथ नंदन भाण ।
मोहनी. मोहनी.
मोहनी,
मोहनी.
मोहनी.
मोहनी.
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