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मुंबई नगरी
मूलनायक श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथजी
आनंद रोड रेल्वे स्टेशन के सामन सेठ देवकरण मुलजी वाडी में यह मंदिर सबसे पुराना है। आरस के प्रतिमाजी है। कांच का कार्य सुंदर है। सोरट वंधली के सेठ श्री देवकरण मूलजी संघवी ने यह मंदिर बनवाया है। मंडप आदि करके जीर्णोद्धार हुआ है।
सं. १९०९ वैशाख वदी १ रविवार को पू. मुनिराज श्री मोहनलालजी महाराज के द्वारा प्रतिष्ठा हुई है। मोहनलालजी म. सर्वप्रथम मुंबई में पधारे थे।
श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथजी मलाड बेस्ट
पुजि शांतिनाथ जान से म माता राजीना हस्तिनापुरे जन्म तमारा शाभ प चालीश धनुष्वनी काया केजी मोड भावाने छोडीन, वरीया शिर्थ साधा आपने अपने मोक्ष सुख सारा
श्रीसंघवी हवेला भुला
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कारा
मलाड वेस्ट जैन मंदिरजी
मूलनायक श्री शांतिनाथजी
अभी बाप रोड पर यह मंदिर सेठ देवचंद जेठालाल तथा उनकी धर्मपत्नी श्री चंपावेन तथा उनके परिवार वालों द्वारा यह मंदिर बनवाया है। पू. आ. श्री विजयदक्ष सूरीश्वरजी म. के द्वारा सं. २०१३ माह वदी ३ रविवार को प्रतिष्ठा हुई है।
इस मंदिर द्वारा भायंदर में बावन जिनालय तथा अन्य स्थान पर मंदिर बनवाये हैं।