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७०२)
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પાપા વીશાશા રામકથાન
१. श्री निझामाबाद तीर्थ
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1940
मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी
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हैदराबाद सुल्तान बाजार
मूलनायक श्री अजितनाथजी पार्श्वनाथजी
यहां पहले श्री पार्श्वनाथ मंदिर अजमेर निवासी सेठ श्री पदमशी नैनसीजी ढढा ने वि. सं. १९२० में बनाया । बस्ती बढ़ने पर कमेटी ने पास में जमीन लेकर विशाल भव्य मंदिर का निर्माण किया और मूलनायक गोडीजी पार्श्वनाथजी
मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी
यह नवीन जिनालय बनवाया है। प्रतिष्ठा वि. सं. २०३९ माह सुदी १० को पू. आ. श्री विजयरत्नशेखर सूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है। आरस के ३ प्रतिमाजी है। जैन के ३५ घर १२५ की संख्या है। मनमाल आकोला रेल्वे स्टेशन है । महाराष्ट्र का नांदेड ७५ कि.मी. है।
निजामाबाद पिन- ५०३ ००१
२. श्री हैद्राबाद तीर्थ
श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भाग
निजामाबाद जैन मंदिरजी
की स्थापना उपर के भाग में करके और नीचे श्री अजितनाथजी विराजमान किए जिससे यह मंदिर अजितनाथ पार्श्वनाथ मंदिर के रूप में प्रसिद्ध किया। बाहर के भाग में गौतम स्वामी ४ दादागुरु तथा चरण की प्रतिष्ठा वि. सं. २०२६ में हुई है।