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मूलनायक श्री शीतलनाथजी
यहां प्रथम नीचे के भाग में मंदिर था। बाद में उपर के भाग में बंधवाया। तीन मंजिल का महाराष्ट्र का सबसे ऊंचा जिन मंदिर है । आरस के १८ प्रतिमाजी तथा धातु के ३५ प्रतिमाजी है।
जैनों के ३०० घर १५०० की संख्या है। गावं में दूसरे मंदिर है। चालीस गांव धुलिया रेल्वे तथा मुंबई चालीसगांव रेल्वे धुलिया स्टेशन है। जि. धुलिया पिन - ४२४००१
नेर जैन मंदिरजी
श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भाग २
७. श्री नेर तीर्थ
मूलनायक श्री मनवांछित पार्श्वनाथजी
मूलनायक श्री मनोवांछित पार्श्वनाथजी
११वीं सदी का प्राचीन मंदिर है। अंतिम जीर्णोद्धार सं. १९८८ में हुआ प्रतिष्ठा भी सं. १९८८ वैशाख सुदी ११ को हुई। आरस के ५ प्रतिमा मूल गर्भगृह में तथा ५ उपर है। जैनों के ४५ घर २५० संख्या है। धुलिया से २८ कि.मी. सुरत धुलिया रेल्वे लाईन । जि. धुलिया पिन - ४२४३०३
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