Book Title: Shrutsagar 2014 07 Volume 01 02 Author(s): Kanubhai L Shah Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba View full book textPage 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR JULY - 2014 तो अप्रकाशित कृतिना प्रकाशन रूपे भानुचंद्र गणिवरना शिष्य देवचंद्र गणिनी रचना पृथ्वीचंद्र गुणसागर रास अत्रे प्रकाशित कर्यो छे. शीलधर्मना महिमानुं गान करती अद्यावधि अप्रकाशित आ रचना श्रुतसागरना माध्यमे प्रकाशित थई रही छे. एनो अमने आनंद छे. शीलधर्म महात्म्य अने कविनी रचना-चातुरी उभयनो संगम आ र समां थयो छे. जे वाचकोने बोधनी साथे संतोष आपशे... आ कृतिनुं प्राथमिक लिप्यंतर श्री जागृतिबेन डी. धोराए करीने अभने पाठव्युं छे. ए बदल एमनो हार्दिक आभार.. श्रुतसागर अंक ३८-३९मां प्रकाशित ब्राह्मीलिपि विषयक लेखने घणा वाचकोए वधाव्यो... पत्र अने फोनना माध्यगथी लिपि जिज्ञासुओए घणा अभिनंदन पाठव्या अमने... लिपि अभ्यासना लेखोनी ए ज श्रेणिमां आ वखते ग्रंथ लिपि विषयक एक सपरिचय अभ्यासपूर्ण लेख अत्रे प्रकाशित कर्यो छे. ग्रंथ लिपिना परिचयनी साथे 'ग्रंथ लिपि संबंधी विविध प्रकार नी माहितीओ, असारोनः वळांक अने मरोडनी स्थितिने समजवानुं सरळ बने एटला माटे आजे लखाता अक्षरोनी साथे ग्रंथ लिपिमा लखाता अक्षरोना लघु चार्ट विगेरे पण प्रकाशित करी लेखनी उपादेयतामा खास्सो वधारो थयो छे. आ लेख अने आ पत्रिकामा प्रकाशित विगतोना सेटींग माटे श्री संजयभाई गुर्जरनी महेनत पण दाद मांगी ले एची छे. पूज्य साध्वीजी भगवंत श्री जिनरत्नाश्रीजी म. सा. तरफथी संपादित उपाध्याय सगयसुंदरगणि कृत यतिअंतिम आराधना आ अंकमां प्रकाशित करी छे. अप्रकाशित कृति संपादित करीने पाठववा बदल पूज्य साध्वीजी भगवंतश्रीनो खूब आभार... आ अंक, पूज्य गुरुभगवंतश्रीना चातुर्मास प्रवेश प्रसंगे विमोचित थवान सद्भाग्य रडुं छे. एटले ज पूज्य गुरुभगवंतश्री अने एमनी पुनित नजरथी श्री संघना श्रेयार्थे प्रवर्तमान श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र-कोतानो परिचय थाय ए हेतुसर संरधानी रूपरेखा आ अंकमां प्रकाशित करी छे. पूज्य गुरुभगवंतश्रीना चातुर्मास प्रवेश प्ररांगे प्रकाशित थनार कैलास श्रुतसागर ग्रंथसूचि भाग १७- विमोचन थवानुं होवाथी आ अंकमा प्रकाशित थता सूचिपत्रो अने एनी विशेषताने जाणवा माटे कैलास श्रुतसागर ग्रंथसूचिनो संक्षिप्त परिचय प्रकाशित कर्यो छे. तो ऐतिहासिक सामग्री रूपे सम्राट संप्रति संग्रहालयमा रहेला धातुविभागना शिल्पोना लेखो प्रकाशित कर्या छ. आ लेखोमा जे क्रमांक नंबर आपेलो छे ए शिल्पोमां ज लेख मळे छे. ए सिवायना नंबर पर नोंधायेल वस्तुओमां कोई लेख विगेरे प्राप्त थतुं नशी, जे वाचकोए खास ध्यानमां लेबुं. For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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