Book Title: Shrutsagar 2014 07 Volume 01 02
Author(s): Kanubhai L Shah
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 37
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 35 श्रुतसागर जुलाई - २०१४ संस्कृत व्याख्या :- सादिति तुष्टोन वा मेति । अगर यद्यपि, त्वं कुय क्वापि, तुरा सलामु तव नमस्कारः, दित्ति ईदृशः। किं च, पलात राजप्रसादः, स मेदिहइ ददाति। हर इति प्रत्यर्थे रवां प्रतिनमस्कारो हरामु व्यर्थं, निवासइ न भवति । कोऽर्थः यदि न तुष्टो न रुष्टोऽसि ततस्तव नमस्कारो राजप्रसादं कथं ददाति, कथं व्यर्थो । रयादित्यर्थः। गाथार्थ :- हे प्रभु! मारा नमस्कारने लइने तूं जो तुष्टमान न थाय अने मने जो कोइ वक्षीरा न आपे तो पछी ए मारो करेलो नमरकार हराम-व्यर्थ नहि थइ जाय? जानूउरू यो भेकुसइ मिदिहदि सो न विहस्ति। बुचिरुक बिल्लइ दोजखी धंग बहुत तसु हस्ति ।।८।। संस्कृत व्याख्या :- जानूररु ति जीवान, यो मेकुराइ हंति, स विहस्ति स्वर्ग, न गिदिहदिन प्राप्स्यति । किं तु बिल्ल इति निश्वितं, बुचिस्क् स्थूलानि, दोजखीधंग नरकदुःखानि प्रभूताने, तस्य हरित भवंति । अतएव तव सेवकों जंतून हंतीत्यर्थः। दूहक पटक। गाथार्थ :- हे प्रभु! जे मनुष्य जनावरोने पशुओने मारे छे ते स्वर्गमां नहि जाय पण धोक्करा रीते ते दोजखमां-पर्कग ज जाय छे. रोथी नारो जे सेवक छे ते कोइ जीवने मारतो नथी. अरतारां तेरीखु वदानु साले साते दीग सरानु। चिरमदीदयं बुध रू तुरा बूदी कार सऊ बस मरा ।।९।। संस्कृत व्याख्या :- अरतारा क्षत्र, तेरीखु तिथि:, छ, (छ?) इति भाषाविशेषे, दातु शरीरं, साले र वत्सरः, साते घटिका, दीग प्रभातं. नु वाक्यालंकारे। सरात (?) व्यं एतानि स्थानानि, भव्यानि अद्य गम जानाति, र. यतः, चिस्म नेत्रदयेन, तुरा तव रू मुखं दीद दृष्टं, कार प्रयोजनानि, राउ सर्वाणि कार्याणि संपूर्णागि बभुरिति भावार्थः । चतुष्पदी छन्दः । दीद इति विलोकित । तथा च आदिष्ट फरा इति वस्तुलिखितं गृल' गृहीतं नतं रल दीर विलोकित्तः परिहा हिरतुं जुड़ा योजितं । दतं दाद तिपीदमध्य चरितं जहं यदभ्याहितं गुर। कृतं च कर्तु तदहो भग्नं च इस्किस्तयं ।। गाथार्थ :- आ क्षत्र, आ तारीख, आ साल, आ घडी, आ प्रभातः बधी वस्तुओ आजे मारे माटे सफळ थई छे कारण के एमां में मारी बे आंखोथी तारा दीदारनां दर्शन कयां छे. बरा, मारां बधां कामो पूरां थयां छे. For Private and Personal Use Only

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