Book Title: Shrutsagar 2014 07 Volume 01 02
Author(s): Kanubhai L Shah
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 48
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra SHRUTSAGAR आ इ ई π17 বে 軍 अवग्रह चिह्न लेखन प्रक्रिया इस लिपि में अवग्रह के लिए ( 2 ) चिह्न प्रयुक्त हुआ है। यथा उद्धरेदात्मनाऽऽत्मानम् =१ or &"zTzzz"58 मात्रा लेखन प्रक्रिया इस लिपि में मात्रा लेखन हेतु विशेषतः निम्नोक्त चिह्नों का प्रयोग हुआ है अनुश्वार | विसर्ग क का कि की कु சூ 赤 र्किं க கா க उ क 我 ऋ ए ऐ ओ औ चणा च 0 00 0 IF T इनमें से 'आ, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अनुस्वार तथा विसर्ग' की मात्राएँ वर्ण के आगे या पीछे समानान्तर लगाई जाती हैं । अर्थात् उपरोक्त मात्राओ में रो कोई भी मात्रा उस वर्ण के ऊपर या नीचे नहीं लगती है। जबकि ह्रस्व 'इ' की मात्रा नागरी लिपि में प्रयुक्त दीर्घ 'ई' की मात्रा की तरह लगती है तथा दीर्घ 'ई' की मात्रा नागरी लिपि में प्रयुक्त 'रेफ चिह्न' की तरह लगती है। तथा 'रेफ चिह्न' उस वर्ण के आगे (दायीं ओर) नीचे से ऊपर की ओर लगता है। यथा ग्र 重 कृ के के को कौ कं कः ( கூ கூ கூ கூ கூ கூ க கறிககை ள்கள் கள க க .G www.kobatirth.org ऊ रेफसूचक विश्न इस लिपि में रेफ के लिए (1) चिह्न प्रयुक्त हुआ है। यथा श्र 46 1 왜 श्री र्कु Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 可 UDUO G 来 ह JULY 2014 c) 8 9 ज 笨 For Private and Personal Use Only 0 Я he * स ঙ ु ஓ ஹ ஹ

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