Book Title: Shrutsagar 2014 07 Volume 01 02
Author(s): Kanubhai L Shah
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 79
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 77 जुलाई - २०१४ प्रत्येक हरतप्रत का सूक्ष्म अवलोकन व निरीक्षण कर, आवश्यकता पड़ने पर सन्दर्भ ग्रन्थों आदि की सहायता से प्रविष्टि की जाती हैं. सूचीकरण का काम महज सूची बना कर छाप देने मात्र तक सीमित नही है. अस्त-व्यस्त बिखरी व जीर्ण-शीर्ण दशा में आए हस्तप्रतों के पन्नों का खूब ही सूझबूझ व धीरज पूर्वक मिलान करके ग्रंथों को पूर्ण बनाना, उन पर वेष्टन आदि लगा कर उन्हें सुरक्षित करने का बड़े ही श्रम-समय साध्य आधार कार्य भी सूचीकरण कार्य का ही हिस्सा है. वितरण व्यवस्था - इन ग्रंथों की एक-एक कॉर्प भारत भर के प्रमुख ज्ञानभंडारों एवं साधु-साध्वीजी भगवंत जो हस्तप्रत के क्षेत्र में संपादन-संशोधन कार्य कर रहे हों, उन्हें भेंटस्वरूप भेजी जाती है. इसके अतिरिक्त पुरतक विक्रेताओं के माध्यम से विश्वभर की इस क्षेत्र से जुड़ी युनिवर्सीटियों, संस्थाओं या व्यक्तियों को उनके व्य गित उपयोग के लिए लागत मूल्य पर विकय किया जाता है. इन ग्रंथों की ई-फाईल (पीडीएफ) बनाकर वेबसाइट पर अपलोड की जाती है, इसके अतिरिक्त यदि किसी विद्वान को इसकी Soft Copy चाहिए हो तो (उन्हें ई-मेल द्वारा की भेजी जाती है. दाता का चतुरंगी पृष्ट - केटलॉग के भाग को प्रकाशित करने का लाभ जिस श्री संघ, परिवार या दाता ने लिया हो. उनका परिचय. यदि श्री संघने लाभ लिया हो तो संघ का नाम, संघ के जिनालय के नूलनायकजी का फोटो, ट्ररटीश्रीओं की सूची आदि मुद्रित किए जाते हैं. किसी व्यक्ति या उसके परिवार की ओर से दान प्राप्त हुआ हो तो उनके परिवार के सदस्यों के फोटो तथा यदि परिवार के मुख्य व्यक्ति को समर्पित किया हो तो उनके फोटो व नाम मुद्रित किए जाते हैं. ये सारी सूचनाएँ एक चतुरंगी पृष्ठ के रूप में, दाता ने जिस भाग का लाभ प्राप्त किया हो, उस भाग में प्रकाशित किया जाता है. श्रुतप्रेमी गहानुभाव कैलास श्रुतसागर ग्रंथसूचि में डोनेशन हेतु कार्यालय से संपर्क करें. For Private and Personal Use Only

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