Book Title: Shrutsagar 2014 07 Volume 01 02
Author(s): Kanubhai L Shah
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 60
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra सा. = साह, शाह व्यवहारी श्रेष्ठी व्य. = श्रे. www.kobatirth.org SHRUTSAGAR 58 ९. विभागीय नं. १६९, पार्श्वनाथ भगवान, पंचतीर्थी सं. १३५४ वर्षे मा..... श्रेयसे श्री श्री ५ श्रीबिंवं कारितं प्रति. तपागछे श्रीश्रीश्रीश्री रत्नशेखरसूरिसरैः । । श्रीलक्ष्मी (सागर) सुरिभिः ।। १०. विभागीय नं. १७५, जिनप्रतिमा, एकलतीर्थी सं. १६२२ पोष वदि १ भदाकेन || = पु. पुत्र प्रति, = प्रतिष्टित संकेतसूचि Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्र. = प्रतिष्ठितं ज्ञा. - ज्ञातीय भार्या भा. = बिं. = बिंब सं. = संवत JULY 2014 * धर्मप्राप्ति माटेनी योग्यताने जाणवा माटे... * जीवनमां धर्म अने धर्ममां जीवन उतारवा माटे... * जीवनने अशांति, असमाधि, अने अंतरायधी उगरवा माटे... * जीवनने सद्वांचन, समता, अने सौम्यता प्रगटाववा माटे... प्रकाशित थई रह्युं छे, श्री प्रियदर्शननी मीठी कलमे लखायेलुं पुस्तक... जीवन धर्म For Private and Personal Use Only लेखक :- पू. आचार्य विजय भद्रगुप्तसूरीश्वरजी म. सा. प्रकाशक : श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र कोबा

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