Book Title: Shrutsagar 2014 07 Volume 01 02
Author(s): Kanubhai L Shah
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 28
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir SHRUTSAGAR 26 JULY-2014 अउठकोडी रोम उल्लसई मनमोहन, एह सांभलतां ए वात लाल मनमोहन ।।४७।। इम चिंतवतां रायनइं मनमोहन, आव्यु उत्तम ध्यान लाल मनमोहन। अनित्य भावना भावतां मनमोहन, पाम्युं केवलन्यान लाल मनमोहन ।।४८।। तिणई अवसरि तिहां आवीया मनमोहता, सुर-असुरादिक वृंद लाल मनमोहन । कमल रच्युं सोवनमइं गनमोहन, रिहां बइंठो पृथिवीचंद लाल मनमोहन ।।४९।। दुंदुभी वाजइं देवनी मनमोहन, वइंठी परषद जाण लाल मनमोहन । अतिमधुरई नादई करी मनमोहन, केवली करइं वखाण लाल मनमोहन ।।५० ।। प्रतेबोधाणी कामिनी मनमोहन, आणइं मनि वइंराग लाल मनमोहन । उपशमरसमां झीलतां मनमोहन, टाल्यो मनथी राग लाल मनमोहन । ५१ ।। भवनुं नाटिक निरखती मनमोहन, ते पामई शुभध्यान लाल मनमोहन । क्षपक श्रेणि चढ्या पछी मनमोहन, उपनु पंचम न्यान लाल मनमोहन ||५२।। ते नरनारी केवली मनमोहन, नवजण दीठां जाम लाल मनमोहन। मातपिता भावई चढ्यां मनमोहन, पाम्या केवल ताम लाल मनमोहन ।।३।। नवजणनां मातापिता मनमोहन, गणतां ते सतावीस लाल मनमोहन। कुटुंब कस्युं सहु केवली मनमोहन, पोहती मनह जगीरा लाल मनमोहन ।।५४ ।। For Private and Personal Use Only

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