Book Title: Sanskrit Sopanam Part 03
Author(s): Surendra Gambhir
Publisher: Pitambar Publishing Company

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Page 28
________________ अनागतम् विचार: Hars उप+हस् भाग्यम् अनुकूल प्रतिकूल परिवार: प्र+नश् पराहः काठिन्यम् भाग्यपर धातुः त्यज् (2) उपसर्गयुक्त-धातुः उप+हस्, प्र+नश् (प्रणश्) रूपम् त्रि (पृष्ठ 98) विशेषणानि पुं० बहुः युक्तः अनुकूलः प्रतिकूलः - परः do 00 = भविष्य, न आया हुआ विचार || || | || || || || || || मज़ाक करना भाग्य = सीधा Hi = = विपरीत परिवार 00170 भाग जाना दूसरा दिन कठिनाई (lane oil 1st Bib भाग्य पर विश्वास करने वाला ( स्त्री० बहुः युक्ता अनुकूला प्रतिकूला - परा अव्यय : कदाचित्, तर्हि, द्राक् मुहावरा (Idiom)- श्रुतिपथम् आ + गम् चिकि अभ्यासः 23 (future, yet to come) (thought) (to laugh at) (fate)0x (favourable) (opposite) (family) (to run away) (next day) (difficulty) (fatalist) नपुं० बहु युक्तम् अनुकूलम् प्रतिकूलम् -परम् (ए) (79) मौखिकम् 1. शब्द, लिंग और वचन बताइए (Give for each of the following the basic word, its gender and its number.) द्वे, एका, तिस्रः, त्रीणि, द्वयोः, त्रयः ।

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