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पुस्तक में दिए गए हैं। छात्र उन्हें याद करें तथा उचित स्थान पर उनका अधिकाधिक प्रयोग करें (Idioms make the language beautiful and lucid. Every language has idiomatic usages. So does Sanskrit. Only six of them are introduced in this book. Students should memorize them and use them in appropriate contexts.)
1. श्रुतिपथम् आ + गम् ] 2. बुद्धिसरणिम् अव + तृ3. मूर्ध्नि स्थापय् atually 4. दिष्ट्या वर्धसे । 5. कि बहुनाishushri 6. पूर्वस्मिन् वयसि
(aoiussialisation
अन्ये नियमाः
(doseq1. वर्ण-सम्मेलनम्-संस्कृत में पहले शब्द के अन्तिम म् को दूसरे शब्द के
प्रारम्भिक स्वर के साथ मिला कर लिखने की प्रथा बहुत प्रचलित है (In Sanskrit writing it is a custom to write together the final of the first word with the initial vowel of the following word)—
SMSATION
' गजम् अपश्यम् Silu = गज-म् अ-पश्यम् = गजमपश्यम् एवम् आसीत्
एव-म्आ-सीत् = एवमासीत् - फलम् इति
= फल-म् इ-ति = फलमिति 2. स्म-प्रयोग-'स्म' एक निपात है। वर्तमान-कालिक क्रिया के बाद स्म लगाने से क्रिया भूतकाल की बन जाती है (स्म is a particle. Use स्म after a present time form and it becomes past tense)— गच्छति स्म, खादसि स्म,s) कुर्वन्ति स्म का
का 3.चित-प्रयोग-'किम्' शब्द के रूपों के बाद चित् लगाया जाता है । 'किम्' शब्द प्रश्नवाचक है परन्तु चित् लगाने से पूरा रूप अनिश्चयवाचक विशेषण बन जाता है। (चित् is used after the forms of किम्. Its use changes the meaning from interrogative to indeterminate विशेषण)
किम् + चित् = किञ्चित् कः + चित् = कश्चित् पर कैः + चित् = कैश्चित् का + चित् = काचित् कामाबा
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