Book Title: Sanskrit Sopanam Part 03
Author(s): Surendra Gambhir
Publisher: Pitambar Publishing Company

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Page 44
________________ अव्ययाः धिक्, तावत्, तथा, यथा, आतृप्ति । उपपद-विभक्तिः 'धिक्' के योग में आए शब्द में द्वितीया विभक्ति होती है (The word coming with धिक् takes द्वितीया विभक्ति). मी ही काफी रोग समाजवादीका अभ्यासः । भाडाकीण जय मौखिकम् । 1. इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है? (What is the moral of this story?) लिखितम् 2. संस्कृत में उत्तर दीजिए (Answer in Sanskrit)FO (क) गर्दभः शृगालः च कुत्र अगच्छताम् ? . (ख) गर्दभः शृगालम् किम् अवदत् ? (ग) गर्दभं क्षेत्रे दृष्ट्वा कृषकः किम् अकरोत् ? 3. सन्धि कीजिए (Join the words according to Sandhi rules) लगुडम् पश्य, द्वारम् गच्छ, अन्नम् खाद, वस्त्रम् धारय्, एवम् कृत्वा, गर्दभम् च । 4. सर्वनाम से 'चित्' प्रत्यय अलग कीजिए (Separate चित् from pronouns) कस्मिश्चित, काश्चित्, कश्चित्, किञ्चित् । 5. संस्कृत में अनवाद कीजिए (Translate into Sanskrit) (क) मूर्ख को धिक्कार है । (Curse on the fool!) (ख) बुद्धि-सहित मनुष्य ही सम्मान पाता है । (Only an intelligent person gets respect.) (ग) अन्न की आवश्यकता नहीं है । (There is no need of grains.) (घ). धन से रहित मज़दूर दुःखी होता है। (A labourer without money gets _distressed.) (ङ) सदा मीठा बोलो। (Always speak sweet.) अगर मामा का नया कामाकर _39

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