________________
इस ग्रन्थको रचना जन न्यायका अभ्यास करने के लिए की गयी होगी। यह न्यायावतार अन्य गुजराती विवेचन और प्रस्तावनाके साथ अलग भी प्रकाशित हो चुका है। ___ उपलब्ध वत्तासियोमे अनेक स्थानोपर ऐसे विचार है, जो सन्मतिक साथ बराबर मिलते-जुलते है।
सुखलाल और बैचरदास
।
१. जैन साहित्य संशोधक खण्ड ३ अंक १ २. उदाहरणार्थ
बत्तीसी . १२० -
३.८ ६.२८ १२७ और २९
સન્મતિ ३.५० - ३.५३ ३.६५ ३.६८