Book Title: Sanmati Prakaran
Author(s): Sukhlal Sanghavi, Bechardas Doshi, Shantilal M Jain
Publisher: Gyanodaya Trust
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अतिश्रुत ज्ञान मत्स्यपुराण ३३
- प्रासाद २६, ३३
पो
महादेव ६५
मककारिका ६३, ६४, ८०, ११ मध्यमप्रतिपदा ( मार्ग ) ८७ भव्यान्तविभाग ६४ पा टि
भर्ध्व ८६
मयूर १००
मलयगिरि ९२
मल्लवादी ८–१०, १२, ४८, ४९, ५६ ५७, ६०, ७५ पाटि, ८५११४, ११५; —का नयचक्र १२ पॉ टि; -प्रबन्ध ४८ पा टि
मल्लिषेण १६ पाटि, ६२पा टिं यज्ञवाट १०८ श्री
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फोहोर
- प्रशस्ति ८ पा टि यशोधर्मदेव ६ महाकाल २८, ३१, ३३ तीर्थ ३२ यशोविजयजी ९ पार्ट ३८
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पक्की
६१–६३, ७५ पाटि, १५, युक्त्यनुशासन १०६३ युगप्रधान आचार्य राह युगपद् उपयोगद्वय रे? युगपद्वाद ५३, ५०४, द प्रशि योगचर्याभूमिशास्त्र ६४ योगदर्शन ८७१ स्यशाविजयजीकी' बत्तीसी के साथ
योगसूत्र ७४ डिग्री- 20 योगाचार ९१, -विज्ञानवाद १४
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महायान ९७, ९८१ कि महायानसूत्रालकार१६४: महावीर ३१ प्राटि ४६६६३ - ६५ ७६, ८४, ८७, রে - ०१०४०~१०७, (११:१२०, शरी
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२८ का गृहस्थाश्रम - कुमार १,३०, युश्तेदाप्रिय १२० महावीरचरित्र ३७७५ को
महेश्वर १०३
भागधी प्राकृत ७८ माणिक्यचन्द्र/ ७१६७२३८९९ ) - प्रशस्ती
७३
मातृचेट १०१
माधुरी वाचना ७, ३०, ११९ माध्यमिक ९१, शीखा ८५
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मालविकाग्निर्मित्र ६६ पाटि, २०७
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मालवा ६
पाटि मीमासक १०६ -
मीमासाश्लोकवातिक ८७ पाटिं."
८०९
की पाटि ==} योगाचारभूमिशास्त्र
पाटि रात हैदी योनिप्राभृत पुरी
મીમાસાસૂત્ર ૭૪
मुज रोजा ७२
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मुकुन्द ७
मूलाचार ४८, ११८, ११६ मेघदूत ३२ पाटि, こんだ ३३ मैत्रेय १४, ६३,६४,६ मोक्ष १२२, -मार्ग ११ गाउ
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१४, २०
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रघुवश ३२ पाटि, ३३, ६५, रत्नकरडकश्रावकाचार १६
रत्नावली ५१
TATSIT
5
2017

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