Book Title: Ritthnemichariyam Part 1
Author(s): Swayambhudev, Ramnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 101
________________ पुणु रस-रंखोलिर- पुच्छ-दंडु पुणु दीह-हर- लंगूल सीहु पुणु गुरु गंधुगुरु दाम - जुयल पुणु छण-ससि लछण-रहिय-कार पुणु दस-सय-किरण-करालियंगु पुणु मीण-जुयल कलसद्धयाई पुणु सरवरु कमला-कमल-रम्भु पुणु केसरि - बिहरु पुणु विमाणु पुणु रयण - रासि पुणु जला-जालु सुर होसइ हरि-कुल-गयण- चंदु घन्ता कमल-चरण कमलुब्जल - पयणी । कमलालय कमलामल - णयणी कमल-पाणि सुर- करि-अहिसारी दिठ्ठ लच्छी जग - मंगलगारी ॥ ९ सुरवर- पुंगउ गोवइ - दंसणे तिहुवण- सिरिवइ सिरिहे पहावे कंतिल्लु णिअच्छिए छुद्रहीरे इस-जुयल - णिहालणे- सोक्ख-थाणु लक्खण-घरु दिट्ठे सरवरेण लोक-सामि सीहासणेण भुबइंद-भवणे दिट्ठए ति - णाणि सिहि- दंसणे लोय - गिरंषणाई' Jain Education International दुक्कंतु पर्यडु पर्यड - सं तरु-पल्लव- लाल-ललंत-जीहु [ ५ ] घत्ता हरियंस पुराण 'परिमल - परिमिलिय-चलालि-मुहल ताहि भा-भूसिय- भुषण - भाउ तम - तिमिर - जियर - वारणु पयंगु णं सोक्ख- णिहाण - महद्धयाई ४ पुणु जलणिहि जलयर - जीव- जम्मु पुणु भूरि भवष्णु भुवईद - थाणु फल अक्खड़ जायघ- सामिसालु गय- दंसणे गुरु- चंदाहि चंदु अतुल - परक्कम सीह- णिरिक्खणे । तित्थ पदसि दाम - दक्खावे ॥९ [ ६ ] तेयाल दिए रवि - सरीरे घड-संघट- दंसणे जब णिहाणु केवल - बिहूइ रयणाधरेण अहमिंदु विमाणहो दंसणेण मणि- रयण-पुंजे गुण - रयण-खाणि frees are - कम्मिषणाई For Private & Personal Use Only ८ ४ www.jainelibrary.org

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