Book Title: Ritthnemichariyam Part 1
Author(s): Swayambhudev, Ramnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

Previous | Next

Page 111
________________ දිදී णिय- जलयर सुघोसु क्लहरें हरिय भुयंग वसुंधरि हल्लिय झलझलाविय सयल - वि. सोयर णव गह डरिय दिसा मुह बंकिय तिहुयण - भुअणोयर-वासिय रुप्पिणि- विओय- संतत्त रुप्पिणि-कारणे अमरिस- कुद्धई मिडियई वलई पवल - बलवंत पडि- पहराहय-हिय - गइंदइ दसण- मुसल - छंदाविय - पाणइ संदाणिय- संदण - संदोहइ रंगाविय-रण-रंग-तुरंगइ छिण्ण- कवय-खंडिय - करवाई उब्भड - भिउडि-भयंकर - भाळइ रणवणे रिड-रुक्ख - भयंकरे खज्जेति वलइ सर-सप्पे हिं रणु आलग्गु तावं सु-महल्वहं पिहू - रुप्पिहिं उम्मय - दुमरायहूं जेत्त जेत्तई हलहरु ढुक्क गयवरु गयवरेण दलवट्टइ Jain Education International घन्ता afefts तिहुयणु ताहं णिजहें गिरि- संधाय जाय पासल्लिय कलह-करिंद-काय किय कायर पयारह विरुद्द आतंकिय सयलु लोड आसंकियड । परि पडिवक्खु ण संकिय ॥ [ ११ ] हरिवंशपुरा अमर-वरंगण - रइ - रस- लुद्धइ दुद्दम- दंति - दंत-हिय गत्तइ किय- कुंभय लोलुक्खल - विंदइ पडिय-विमाण- जाण - जंपाणइं दुज्जय - जोह - परज्जिय-जोहइ" रुहिरारुणिय रहोह-रहंगइ सुरवहु - धित्त-संयंवर - मालई पेसिय- एक मेक्क-सर-जालई घत्ता - धणुवासाहणि वासिएहिं । तोणा - कोडर - वासिएहि ॥ For Private & Personal Use Only • । १२ ] सच्चइ - उत्तमोज्ज - सिणि-सल्लहं वेणुदारि - रोहिणि-तनुजायहं तेत ते तहे को वि ण चुक्कइ रहबरु रहुबरेण संघट्टइ ९ ८ ९ ४ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144