Book Title: Rajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Author(s): Sitaram Lalas
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लागियो अंगालियो अंगियौ देखो 'अंगरखौ' । देखो 'जांमौ' अंगूठ, अंगूठउ-देखो 'अंगूठौ'। अंगिरस-[.. एक प्रजापति । २ एक प्राचीन ऋषि । अंगूठी-स्त्री०१ मुद्रिका, अंगूठी। २ स्त्रियों के पांव की अंगुली ३ बृहस्पति । ६ तारा । ५ अंगिरासंहिता' के रचयिता का प्राभूषण । ३ दर्जी की अंगुली की टोपी। ऋपि । ६ अथर्ववेद के चौथे खण्ड का नाम । ७ एक अंगूठौ-पु० [सं० अंगुष्ठ| हाथ या पांवों की मोटी अंगुली, देव गगण । अंगूठा। अंगी-वि० सं० अंग+ ई] १ शरीर धारी। २ देखो 'अंग'। अंगूथली, अंगूथलीयक-स्त्री० मुद्रिका, अंगूठी । अंगीकरणी, (बौ)-देखो ‘अंगीकारगी, (वा)। अंगूथळी-पु० अंगूठे में पहनने का प्राभूषण । अंगीकार-पृ० सं० १ स्वीकार करना, मंजुर करना । २ ग्रहण | अंगूर-पू० [फा०] १ गीली या कच्ची दाख, किशमिश या करना, लेना। मुनक्का । २. उक्त फल की वेल । अंगीकारणौ (बी)-क्रि० [सं० अंगीकरणम् ] १ स्वीकार करना, अंगूरियौ-देखो 'अंगूरी'। मंजूर करना। ग्रहण करना, लेना। अंगूरी-वि० १ अंगूर का, अंगूर से सम्बन्धित । ० अंगरों से अंगीत-वि० [सं० अंगीकृत १ मंजुरशुदा, स्वीकृत । बना हुआ। ३ अंगुर के समान रंग का। २ गृहीत । ----पु. १ अंगूर का शर्बन । २ अंगुर जैसे रंग का वस्त्र । अंगीकृति-स्त्री० मंजूरी, स्वीकृति । -स्त्री० ३ अंगूर की शराब । अंगीठ-पृ० सं० अग्निस्था| १ अंगारा। स्त्री० २ अग्नि, अंगूलीयक-स्त्री० अंगुठी, मुद्रा (जैन) । प्राग । ३ दाह जलन । ४ देखो 'अंगीठी- वि०-अग्नि अंगे, अंगेई-क्रि० वि० १ कतई, नितान्त, विल्कुल । २ किचित, की तरह लाल । थोड़ा, लेशमात्र । ३ वास्तव में, वस्तुतः। ४ स्वभाव अंगीठी-स्त्री० [म० अग्निस्था, प्रा० अग्गिठा १ कोयले गे. प्रकृति से। जला कर भोजन बनाने का चूल्हा । २ भट्टी । अंगेजणौ, (बौ)-क्रि० १ स्वीकार या मंजूर करना। २ लेना, अंगीरौ-देखो 'ग्रंगारौ'। ग्रहगा करना। धारमा करना, मानना। ४ जिम्मेदारी अंगीली-पु० रस्सी बनाने में काम पाने वाली म्यूटी. मेख । वि०-- लेना । (स्त्री० अंगीली) स्वभाव के विरुद्ध प्राचरगा को सहन न अंगेठी-देखो 'अंगीठी' । करने वाला, स्वाभिमानी । अंग, अंगई -देखो 'अंगे। अंगुछौ-देखो 'अंगोछौ'। अंगोअंग, अंगोअंगि-क्रि० वि० १ देह के अनुसार, मन के अंगुठी-देखा 'अंगूठी। अनुसार । पूर्णरूपंगा। : अंग-प्रत्यंग मे । अगुठौ-देखो 'अंगूठौ'। --वि० युक्तियुक्त, ठीक, उचित । २ मम्पूर्ण, पूर्ग । अंगुरो- देखो 'अंगुरी'। अंगोछ, अंगोछियौ, अंगोछौ-पु. मं. अग-प्रोक्षगग] १. नोनिया, अंगुरिया देखो 'अंगुरिया' । गमछा। २. उपवस्त्र । अंगुळ, अंगुल-पु० म० अंगुल ] १ अंगुली, अंगुठ।। २ अंगुली अंगोट, अंगोटौ, अंगोठ-वि• अडिग, दृढ, अटल । के बगवर की लम्बाई । ३ पाठ जी के बराबर का माप । ...पु. १ अंग-प्रत्यंग। शारीरिक गटन, मुडौलना । ४ ग्राम का बारहवां भाग (ज्योतिष)। ५ हाथी की अंगोठी-देखो 'ग्रंगूठी'। मुटु का अग्र भाग। अंगोठौ-देखो 'अंगूठो'। अंगुळि, अंगुळी, अंगुळीय-स्त्री० [सं० अंगुलि १ हाथ या पांव अंगोपांग-पु० म० अंग--उपांग | अंग-उपांग । अंग-प्रत्यंग । की गली। : हाथी की संड की नोक । ३ नाप अंगोभव, अंगोभ्रम-पु० पुत्र, बेटा। विशेष । ४ अंगुठी, मुद्रिका। ---त्रांण-० अंगुली की अंगोल, अंगोलगू-पृ. १ पुत्र. बेटा। २ अग रक्षकः । टोपी। -यक-स्त्री० अंगुठी। अंगुसट, अंगुस्ट-देखो 'अंगूठौ । अंगोळणौ (बौ)-क्रि० स्नान करना, नहाना, धोना । अंगुस्ठासण, अंगुस्ठासन-पृ० सं० अगष्ठामन | योग के चौगगी अंगोळिया-त्री० नाइयों की एक शाखा । प्रागनों में से एक। अंगोळियौ-पु० १ ग्नानघर । पेशाबघर। ६ 'अंगोळिया अंगू-देयो अंग। जाति का नाई। For Private And Personal Use Only

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