Book Title: Punya Paap Tattva Author(s): Kanhaiyalal Lodha Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal View full book textPage 6
________________ । विषयानुक्रमणिका - - - - - - - - - --- VII ------ XXII -------------------- 1 सम्पादकीय ----- प्राक्कथन भूमिका------------------ 01. पुण्य तत्त्व : स्वरूप और महत्त्व ----- 02. पाप तत्त्व : स्वरूप और भेद ------- 03. पाप ही त्याज्य है, पुण्य नहीं -------- 04. पुण्य-पाप तत्त्व और पुण्य-पाप कर्म में अंतर ---- 05. पाप-पुण्य का आधार : संक्लेश-विशुद्धि 06. कषाय की मंदता पुण्य है, मंद कषाय पाप है------ 07. कर्म-सिद्धांत और पुण्य-पाप ----- 08. तत्त्वज्ञान और पुण्य-पाप --- 09. पुण्य का उपार्जन कषाय की कमी से और पाप का उपार्जन कषाय की वृद्धि से ---- 10. क्षयोपशमादि भाव, पुण्य और धर्म ---- 11. अहिंसा, पुण्य और धर्म --------- 12. पुण्य-पाप का परिणाम ------ . - - -- -- - - --- 1100 - - - - ------ 126Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 314