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। विषयानुक्रमणिका
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VII
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सम्पादकीय ----- प्राक्कथन
भूमिका------------------ 01. पुण्य तत्त्व : स्वरूप और महत्त्व ----- 02. पाप तत्त्व : स्वरूप और भेद ------- 03. पाप ही त्याज्य है, पुण्य नहीं -------- 04. पुण्य-पाप तत्त्व और पुण्य-पाप कर्म में अंतर ---- 05. पाप-पुण्य का आधार : संक्लेश-विशुद्धि 06. कषाय की मंदता पुण्य है, मंद कषाय पाप है------ 07. कर्म-सिद्धांत और पुण्य-पाप ----- 08. तत्त्वज्ञान और पुण्य-पाप --- 09. पुण्य का उपार्जन कषाय की कमी से और
पाप का उपार्जन कषाय की वृद्धि से ---- 10. क्षयोपशमादि भाव, पुण्य और धर्म ---- 11. अहिंसा, पुण्य और धर्म --------- 12. पुण्य-पाप का परिणाम ------
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