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इच्छा-शक्ति और उसका प्रयोग १२५ खबर भेजने की और बारीक युक्तियाँ केवल इस देश के इने-गिने गुनी लामाओं तक ही परिमित हैं। ____टेलीपेथी ( मानसिक वार्तालाप ) पश्चिम के लोगों के लिए कोई नई वस्तु नहीं है। वैज्ञानिकों ने स्वीकार किया है कि मनुष्य के शरीर में एक ऐसी शक्ति है जो हमें एक दूसरे के मानसिक विचारों का पता देने में आश्चर्यजनक क्षमता का परिचय देती है। लेकिन यह शक्ति कब और किस प्रकार काम में लाई जानी चाहिए, इस बात का अभी उन्हें कुछ पता नहीं है। उनके बड़े. बड़े वैज्ञानिक यंत्रों ने इस विषय में उनकी कुछ मदद नहीं की है
और अभी तक टेलीपेथी प्रकृति के अभेद्य पर्दे के पीछे छुपा हुआ मनुष्य-जाति के लिए एक रहस्य-पूर्ण कौतूहल ही रहा है। किन्तु तिब्बत देश में यह बात नहीं है। वहाँ के सभ्य समाज के सभी लोग इस सम्बन्ध में एकमत हैं कि टेलीपेथी भी विज्ञान का एक अङ्ग है जो किसी भी दूसरी विद्या की ही भाँति सीखी जाकर व्यवहार में लाई जा सकती है। ___ मानसिक संक्रमण के लिए सबसे अधिक जरूरी बातें हैं-मन की एकाग्रता और अन्य सब प्रकार के विचारों को मस्तिष्क से दूर करके समस्त चेतना-शक्ति को केवल एक ओर लगा देना।
इसके बाद भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में हमारे जो भिन्न-भिन्न मानसिक विकार होते हैं, उनका सतर्क विश्लेषण और आकस्मिक हर्ष, शोक, भय या एकाएक किसी को याद आ जाना-इस प्रकार की जो अनुभूति है उसका हमारी इन्द्रियों की चेष्टाओं पर क्या प्रभाव पड़ा करता है इसका भली भांति ज्ञान करना आवश्यक होता है।
कुछ समय तक शिष्य अकेले अपने आप अभ्यास करता है। इसके बाद वह एक अँधेरे बन्द कमरे में अपने गुरु लामा के साथ
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