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पहले स्वों बत्रोशलाख छ, अठ्ठावोश लाख बीजे; बार लाख त्रीजे चोथे आठ, पांचमे लख चउ रीझे ..... .... स्थावर०२ अर्धला व छठे जिन चैत्य छे, चालीश सहस्त्र प्रमाणो; सातमे आठमेक हजार छे, शत चार नव दशे जाणो. .... स्थावर० ३ अग्यार बारमे त्रणसें त्रणसें, त्रणशे अढार ग्रैवेके पांच अनुत्तर मळी सहुचैत्यो, वांदो विनय विवेके.
स्थावर० ४ चोराशीलाख ने सहससत्ताणु,अधिक चैत्य सरवाळे; लांबां शतयोजन ने उंचां, पञ्चास पूजो प्यारे. .... .... स्थावर० ५ सभा सहित एकचैत्ये एकशो,ऐंशी बिंब परिमाणो; सोकोड बावन कोड बोराणु,लाख उपर ले जाणो.
स्थावर०६
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