Book Title: Pooja Sangraha Part 3
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 608
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ५४९ साखी. Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शान्ति जिनेश्वर साहिबे, चोमासुं कर्यु बेश; धर्मध्यानने ज्ञानथी, टाळ्या भविजनक्लेश. पाछल भरतनी पाटे भूपरे, पाम्या शिवनारी. वि०४ साखी. एकलाख अनगारथी, आदित्ययशा थया मुक्त; द्राविडने वारिखिलजी, दशकोडिथी प्रमुक्त. साखी. तेरकोटि सह सोमयश-नारद मुनिवर लक्ष; राम भरत त्रण्यकोटि सह, पाम्या मुक्ति सुदक्ष. सांब प्रद्युम्न साडी आठकोटिरे, मुक्ति लही प्यारी. वि०५ साखी. पात्रीस सहस अहीं नारीयो, वसुदेवनी सिद्ध; थावच्चा मुनिसहसथी, शुक परिव्राजक सिद्ध. साखी. चौदसहसथी सिद्धिया, दमितारि मुनिराय; चौआलीससयथी जली, वैदर्भी सिद्ध थाय. प्रद्युन्न प्रिया थइ सिद्धरे - शेलक शिवधारी विमला०६ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620