Book Title: Pooja Sangraha Part 3
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
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५३५ गर गुरुरायो; रविसागरगुरुसुखसागरगुरु, जैनधर्म फेलायोरे. एम० ॥ ३॥ मुनिवरआदि सर्वसंघनी, वृद्धि थाशो पसायो; सर्वप्रकारे उन्नति थाशो, आशीर्वाद सुहायोरे. एम० ॥४॥ ओगणिश अठयोत्तर अक्षयत्रीज, विजापुर जयकारी; बुद्धिसागर चढते पहोरे, सुखपामो नरनारीरे. एम० ॥ ५॥ ___ॐ ही घंटाकर्णमहावीराय, सर्वक्षुद्रोपद्रव रोगनिवारणाय, इष्टफललाभाय, फलं यजामहे स्वाहा ॥
ॐ अर्हमहावीर शांतिः३
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