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पृष्ट
कुमकुमनो
१४ १७
शुद्धिपत्रक पंक्ति अशुद्ध
कुंमकुमनो भमरओना भमराओना उपनति
उपजाति न्हावण
न्हवण वरिन्टो
बरिठो संबत
संवर्त ७ शंगे १३ भाखे
आखे भोठा
भोग ब्रह्मने
निर्मलब्रह्मने निराधार
निरधार प्रसंगे
प्रसंग संगे रमे
संगे जे रमे आमन
आसन १७ वृजिनविघ्नविदारणं वृजिनविघ्नविपत्तिविदारणं अचिल
अविचल संपाजाबजो संपजाबजो दिचार
विचार जब
जन अडवाडियां
अडवडियां
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शृंगे
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पुण्य
९ कल्याणक पूजा रचु आणी मन उलास [अशुद्ध]
कल्याणक कीर्तन करी लहिये लील विलास [शुद्ध] ५७ १४ जिम
जिन प्राणधार
प्राणाधार '६१८ पूरा
पूरो ६२ १ पर्वत
पर्वसु ८० १७ थय
थया [अशुद्ध १०६४ मंगलमयल मूर्ति क्षित कांचन बरणी काय, मृगलक्षण सहस मष्टोत्सर लक्षण [शुद्ध]सहस मष्टोत्तर लक्षण लक्षित, कांचन वरणी काय । मृग लक्षण मंगलमय मूर्ति,
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