Book Title: Pooja Sangraha
Author(s): Manikyasinhsuri
Publisher: Hiralal Bhagubhai Shah

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Page 44
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २४ श्री ब्रह्मचर्य व्रत पूजा. मांडलिक महीधर महीं, २रुचकवर११ वर मुद्र ॥५॥ ३हस्तिमल्ल१२ जिमहस्तिमां, मृगमां मधुर ५मृगेंद्र १३ ॥ श्वेणुदेव१४ सुपर्णमां, नागवीशे धरणेद्र १५ ॥ ६ ॥ ब्रह्मलोक१६ जिम कल्पमा, सभा सुधर्मा सार ।। स्थितिमां लव सप्तम स्थिति,१८ मानीजे मनोहार ॥७॥ अभय दान१९ जिम दानमां, कंबलमां कृमिरंगर० ।। वज ऋषभ नाराच२१ ज्यु, संघयणोमां चंग ।। ८ ॥ सम चोरस२२ संठाणमां, ११परम शुक्ल २३ जिम ध्यान ॥ ज्ञान विशे जिम १२ग्रामणी, कहिये केवल ज्ञान२४ ॥९॥ परम १३शुक लेश्या२५ यथा, लेश्या मांहि उदार ॥ समजो तेमज शीलने, सहु व्रतमां सरदार ॥१०॥ ॥ढाल ॥ ताल लावणी ॥ ॥ शीतल चंद्र जेवू, बदन कांतिमान ।। ए देशी ।। शीतल शील सेवो, सरस शांतिकार ।। दाहक वह्नि जेवो, १४मदनदूरवार। शीतल०॥ए आंकणी॥ मुनि मंडलमां म्होटा, जिनवर२६ जाणीजे ॥ क्षेत्रोमा १५हारि महा, विदेह२७ वखाणीजे ॥ १६शिवरीमा १ मंदर २८सार,सारसार अवधाराशीतल०॥१॥ १ पर्वत २ तेरमा द्वीपमा रहेलो पर्वत. ३ एरावण. ४ संदर. ५ सिंह, ६ ए नामनो इंद्र.७ ए नामना भवनपति देव. ८ देवलोक. ९ सर्वार्थ सिद्ध विमानना देवोर्नु आयुष, १० करमजथी रंगेली कांबल. ११ शुक्ल ध्याननो चोथो भेद. १२ प्रधान १३ शुक्ल ध्यानना त्रीजा मेदमा रहेली. १४ काम. १५ सुंदर. १६ पर्वत. १७ मेरु. For Private And Personal Use Only

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