Book Title: Pooja Sangraha
Author(s): Manikyasinhsuri
Publisher: Hiralal Bhagubhai Shah

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Page 109
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री महावीर जिन पंचकल्याणक पूजा ८९ ॥ढाल पाचमी॥ ॥ लागी लगन मने तारी हो ललना, लागी० ॥ए देशी ॥ लागी लगन मने तारी हो जिनजी, लागी लगन मने तारी ॥ तुं त्रिभुवन उपगारी हो जिनजी, लागी लगन मने तारी ॥ ए आंकणी ॥ अकल सकल अविचल अविनाशी, नितिनगर निवासी हो जिनजी ॥ लागी० ॥ केवल ज्ञान अनंत प्रकाशी, विशदानंद विलासी हो जिनजी ॥ लागी॥तुं०॥१॥ वर्णादिक वीश रहित विरंगी, आकृति मुक्त २अनंगी, हो जिनजी ॥ लागी० ॥ वेद विवर्जित ३अरुह असंगी, निरुपम निज गुण रंगी हो जिनजी ।।लागी० ॥तुं० २ नित्य निरंजन तु निरुपाधि, निबंधन निर्व्याधि हो जिननी ।। लागी० ॥ निर्मल ज्योति पनिरीह निराधि, सहज स्वरूप समाधि हो जिननी ।लागीतु०॥३॥ सरिमाणक जिन शासन स्वामी, बर्द्धमान विशरामी हो जिनजी ॥ लागी० ॥ निःश्रेयस दशिव सुख ९धन नामी, १ मोक्ष, २ अशरीरी. ३ कर्मबीज रहित. ४ एकत्रीश गुण. ५ इच्छारहित. ६ चिंता पीडारहित. ७ मोक्ष. ८ मंगल. ९ बहु. For Private And Personal Use Only

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