Book Title: Panchashak Prakaranam
Author(s): Dharmratnavijay
Publisher: Manav Kalyan Sansthan
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________________ W परिशिष्टम्-३ 282 परिशिष्टम्-३ पञ्चाशकवृत्तिगत पद्य उद्धरणानामकाराद्यनुक्रमः // आदिपद ग्रन्थनाम पृष्ठ | आदिपद ग्रन्थनाम पृष्ठ अज्झवसायविसुद्धि आ.प.१६ 151 | धर्मादभ्युदयो अत्थंमि रागभावे 17 | निस्संकिय दश.नि.१८२ 117 अन्नाणी किं काही? दश.अ.४/१०१४७ | पढमं अट्ठस्सासा 162 अस्येदं फलमित्येवं | परपरिवायंमि आगमेनानुमानेन यो.दृ.१०१ 35 | पितुः प्रजानां इहलोइयं च चं.वे.३२ 72 बाह्येन्द्रियाणि भ.गी.अ.३/६ 29 ईर्ष्याभयक्रोधपरिष्कृतेन सुश्रु. 71 भासा असच्चमोसा आ.नि.१०९५ 53 एक्को वि पावाई दश.द्वि.चू.१० 147 मोक्षायैव तु त.का.१/५ 215 गुणभूइटे दव्वंमि 49 यथोक्तदोषेष्वनिवृत्तमानसः गुरुणाणुण्णयभरो वि.विं.१३६ | यदीरणं लोचन गोयरमाईयाणं 226 | यदुच्यमानं व्यसनाय छट्ठ-ऽट्ठम-दशम चं.वे.३५ रागो द्वेषश्च अ.प्र.१७० 183 जम्बूदीवपइट्ठा | शुश्रूषा श्रवणं आचा.४३ 92 जम्हा छउमत्थाणं वि.सा.८८२ 58 सड्डेणं सति प्र.स्व.२६६ 74 जह मेरुस्स 112 संपत्ते भिक्ख. दश.अ.५/१ 173 जह लवणस्स 112 सलक्खणमिणं जं केवलिणा पं.व.५९० 197 | सल्लं कामा दंखा वावीए उ.प.८२४ | सिद्ध इंदे चन्दे देवा वि देवलोए __ 72 यस्य प्रभावादाकारा 150 देवा वि देवलोए चं.वे.३४ वेयण वेयावच्चे ओ.नि.५८२ 178 धण्णा आयरियाणं चं.वे.३१ अन्यथा शास्त्र 189 धर्माधर्मव्यवस्थायाः | महान्त्यपि 116 WWW0 0 112 - No OF चं.वे.३३

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