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तृतीय उद्देशक - मल-मूत्र परिष्ठापन-विषयक प्रायश्चित्त
८१
चूयवणंसि वा अण्णयरेसु वा तहप्पगारेसु वा पत्तोवएसु पुष्फोवएसु फलोवएसु छाओवएस(बीओवएसु) उच्चारं वा पासवणं वा परिट्ठवेइ परिट्ठवेंतं वा साइज्जइ॥ ८१॥
कठिन शब्दार्थ - गिहंसि - गृह - घर में, गिहमुहंसि - गृहमुख - घर के मुख्य स्थान में, गिहदुवारियंसि - घर के (प्रमुख) द्वार पर, गिहपडिदुवारियंसि - गृहप्रतिद्वारघर के अवान्तर - दूसरे या पीछे के द्वार पर, गिहेलुयंसि - घर के अग्र भाग में - आगे के हिस्से में, गिहंगणंसि - गृहांगण - घर के आंगन में, गिहवच्चंसि - गृहवर्चस्- घर के आस-पास की भूमि में, उच्चारं - मल, पासवणं - मूत्र, मडगगिहंसि - मृतकगृह में, मडगछारियसि - जलाए गए मृतक के राख युक्त स्थान में, मडगथूभियंसि- मृतक के स्तूप (चबूतरे) पर, मडगासयंसि - मृतक के आश्रय-स्थान में - श्मशान में उस जगह, जहाँ मृतक को रखा गया हो, मडगलेणंसि - मृतक के लयन में - मृतक के दाह-स्थान पर बनाए गए स्मारक या देवकुल आदि में, मडगथंडिलंसि - मृतकस्थण्डिल में - मृतक की चिता, भस्म रहित दहन स्थान में, मडगवच्चंसि - मृतकवर्चस् - कुत्ते आदि जन्तुओं ने जहाँ मृतक के अंग-प्रत्यंग डाले हों, उस स्थान में, इंगालदाहंसि - अंगार-दाह - कोयले बनाने के स्थान में, खारदाहंसि - क्षार- दाह - साजी खार आदि बनाने के स्थान में, गायदाहंसिगाय आदि पशुओं के डाम देने के स्थान में, तुसदाहंसि - तुष जलाने के स्थान में, ऊसदाहंसि - भूसा जलाने के स्थान में, अभिणवियासु - नवनिर्मित, गोलेहणियासु - गोलेहनिका - गायों के चाटने के लिए जहाँ चमक रखा गया हो, ऐसे स्थान में, मट्टियाखाणीसुमिट्टी की खानों में, परिभुंजमाणियासु - प्रयोग में लिए जाते हुए, सेयायणंसि - सचित्त जल मिश्रित कर्दमः बहुल स्थान में, पंकसि - सामान्य पंक में - कीचड़ में, पणगंसि - लीलन-फूलन में, उंबरवच्चंसि - गूलर (वृक्ष विशेष) के निकटवर्ती स्थान में, णग्गोहवच्चंसिबरगद के पेड़ के समीपवर्ती स्थान में, अस्सत्थवच्चंसि- अश्वत्थ - पीपल के समीपवर्ती स्थान में, डागवच्चंसि - पत्तों के शाक (पालक आदि) के पौधे के समीपवर्ती स्थान में, सागवच्चंसि - अन्य शाक के पौधों या बेलों के पास, मूलयवच्चंसि - मूली के पौधों के पार्श्ववर्ती स्थान में, कोत्युंभरिवच्चंसि- धनियाँ के पौधों के पुंज में या पुंज के समीप, खारवच्चंसि - खार संबंधी पौधों के निकटवर्ती स्थान में, जीरयवच्चंसि - जीरे के पौधों के निकटवर्ती स्थान में, दमण (ग) वच्चंसि - दमनक के पौधों के पास, मरुगवच्चंसि -
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