Book Title: Nishith Sutra
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 399
________________ ३६६ निशीथ सूत्र जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा अद्धहाराणि वा एगावलिं वा मुत्तावलिं वा कणगावलिं वा रयणावलिं वा कडगाणि वा तुडियाणि वा केऊराणि वा कुंडलाणि वा पट्टाणि वा मउडाणि वा पलंबसुत्ताणि वा सुवण्णसुत्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ॥९॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा जाव सुवण्णसुत्ताणि वा धरेइ धरेतं वा साइज्जइ॥ १०॥ . जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए हाराणि वा जाव सुवण्णसुत्ताणि वा पिणद्धइ पिणद्वंतं वा साइजइ॥ ११॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा सहिणाणि वा, सहिण कल्लाणाणि वा, आयाणि वा, कायाणि वा, खोमियाणि वा, दुगुलाणि वा, तिरीडपट्टाणि वा, मलयाणि वा, पतुण्णाणि वा, अंसुयाणि वा, चिणंसुयाणि वा, देसरागाणि वा, अभिलाणि वा, गजलाणि वा, फलिहाणि वा, कोयवाणि वा, कंबलाणि वा, पावाराणि वा, उद्दाणि वा, पेसाणि वा, पेसलेसाणि वा, किण्हमिगाईणगाणि वा, नीलमिगाईणगाणि वा, गोरमिगाईणगाणि वा, कणगाणि वा कणगकताणि वा, कणगपट्टाणि वा, कणगखचियाणि वा, कणगफुसियाणि वा, वग्याणि वा, विवग्याणि वा, आभरणचित्ताणि वा करेइ करेंतं वा साइजइ॥१२॥ ____ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा जाव आभरणविचित्ताणि वा धरेइ धरतं वा साइजइ॥ १३॥ जे भिक्खू कोउहल्लपडियाए आईणाणि वा जाव आभरणविचित्ताणि वा परिभुंजइ परिभुजंतं वा साइजइ॥ १४॥ कठिन शब्दार्थ - कोउहल्ल पडियाए - कुतूहल वश, भिंडमालियं - शस्त्रनुमा तीक्ष्ण मनकों की माला, खोमियाणि - सामान्य कपास से निष्पन्न सूती वस्त्र, पतुण्णाणि - बारीक बालों से निष्पन्न वस्त्र, अंसुयाणि - दुगुल वृक्ष के आभ्यंतरावयव से निष्पन्न वस्त्र, पावाराणिकंबल विशेष, वग्याणि - व्याघ्र (चीते) की खाल से बने वस्त्र, आभरणविचित्ताणि - विविध आभरण युक्त वस्त्र। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466