Book Title: Nishith Sutra
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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अष्टादश उद्देशक - नौका विहार विषयक प्रायश्चित्त
३८७ :
जे भिक्खू णावं अलित्तएण वा दंडेण वा पप्फिडएण वा वंसेण वा बलेण वा वाहेइ वाहेंतं वा साइजइ।। १६॥
जे भिक्खू णावाओ उदगं भायणेण वा पडिग्गहणेण वा मत्तेण वा णावाउस्सिंचणेण वा उस्सिंचइ उस्सिंचंतं वा साइज्जइ॥ १७॥ ___ जे भिक्खू णावं उत्तिंगेण उदगं आसवमाणं उवरुवरि कजलावेमाणं पेहाए हत्थेण वा पाएण वा आसत्थपत्तेण वा कुसपत्तेण वा मट्टियाए वा चेलकण्णेण वा पडिपिहेइ पडिपिहेंतं वा साइजइ॥ १८॥
जे भिक्खू णावाओ णावागयस्स असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ॥ १९॥
जे भिक्खू णावाओ जलगयस्स असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ॥ २०॥ ___जे भिक्खू णावाओ पंकगयस्स असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ॥ २१॥ - जे भिक्खु णावाओ थलगयस्स असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ॥ २२॥ ____ जे भिक्खू जलगंओ णावागयस्स असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ।। २३॥ .. जे भिक्ख जलगओ जलगयस्स असणं वा पाणं वा खाइम वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ॥ २४॥
जे भिक्खू जलगओ पंकगयस्स असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइजइ॥ २५॥
जे भिक्खू जलगओ थलगयस्स असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ॥ २६॥ - जे भिक्खू पंकगओ णावागयस्स असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिग्गाहेइ पडिग्गाहेंतं वा साइज्जइ॥ २७॥
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