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नयामृतम्-२
तिवारै शब्दनय बोल्यो—जे नाम ले द्रव्य पूछी जेतलो ते द्रव्यनो प्रदेश छै।
समभिरूढ नय बोल्यो—जे एक आकास प्रदेशमें धर्मास्तिकायनो एक प्रदेश छै, अधर्मास्तिकायनो एक प्रदेश छै, जीवना अनंता प्रदेश छै, पुद्गलना अनंता परमाणुं प्रमुख पिण छै।
अने एवंभूतनय बोल्यो जे प्रदेश द्रव्यनी क्रिया गुण अंगीकार करी देखीजै ते समयमें ते प्रदेश ते द्रव्यनो गिणीजै। ए प्रदेश में सात नय कह्या।
हिवै जीव में सात नय कहै छै। नैगमनय कह्यो—गुणपर्यायवंत ते जीव शरीर सहित। एतलै शरीरमांहि जे बीजा द्रव्य पुद्गल-धर्मास्तिकायादिक ते सर्व तिण जीवमें गिणणा।
तिवारै संग्रहनय बोल्यो—असंख्यात प्रदेशी ते जीव। एतलै एक आकास प्रदेस टल्यो बीजा सर्व माहि गिणाणा।
तिवारै विवहारनय बोल्यो—जे विषय लेइ काम चिंता रै जे जीव। एतलै धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, आकाश, बीजा पुद्गल सर्व टल्या पिण पांच इंद्री, मन, लेश्या पुद्गल छै ते जीव में गिणाणा। जे कारण विषयादिक तो इंद्री लेइं छै ते जीवथी न्यारा छ। पिण इहां जीव भेला कीधा तिवारै।
तिवारै ऋजुसूत्रनय कहै छै—जे उपयोगवंत ते जीव। इणे इंद्रीयादि सर्व टल्या पिण ज्ञान अज्ञानना भेद न टल्या ।
तिवारै शब्दनय बोल्यो—नामजीव, थापनाजीव, द्रव्यजीव, भावजीव ते जीवें गुण-निर्गुणनो भेद न पड्यो।
तिवारै समभिरूढनय बोल्यो—जे ज्ञानादि गुणवंत ते जीव। तिवारै मतिज्ञान, श्रुतज्ञान इत्यादिक जे साधक अवस्थाना गुण ते जीवसरूपमें आव्या।
तिवारै एवंभूतनय बोल्यो—जे अनंतज्ञान, अनंतदर्शन, अनंतचारित्र, शुद्ध सत्तामात्र ते जीव। इणें नये जे सिद्धावस्थामें गुण हता तेही ज ग्रह्या। ए साते नय जीव कह्यो।
हिवै साते नये धर्म कहै छै। नैगमनय कहै सर्व धर्ममें छ। जे कारण सर्व धर्म में चाहै छै। ए नय अंसरूप धर्मनांम धर्म कहै।
तिवारै संग्रहनय बोल्यो— जेवडेरै आदर्यो ते धर्म कहीजै। ते अनाचार छोड्या पिण कुलाचारने धर्म कह्यो। तिवारै विवहारनय बोल्यो—सुखनो कारण ते धर्म। इणे पुण्य करणीने धर्म कही मांन्यो।
तिवारै ऋजुसूत्रनय बोल्यो जे उपयोगसहित वैराग्यरूप परिणाम ते धर्म कहीजै। इणे नयमें यथाप्रवृत्तिकरणना परिणाम प्रमुख सर्व धर्ममें गिण्या। ते मिथ्यात्वीने पिण थाई।
तिवारै शब्दनय बोल्यो—जे समकिती ते धर्म। समकित धर्मनो मूल छै।
तिवारै समभिरूढ नय बोल्यो—जे जीव-अजीव नवतत्त्व छ द्रव्यने ओलखी जीव सत्ता ध्यावै अजीवनो त्याग करै एहवो ज्ञान-दर्शन-चारित्रनो शुद्ध निश्चैना परिणाम ते धर्म। इणे साधकसिद्ध परिणाम ते धर्मपणे लीधा।