Book Title: Navtattva Adhunik Sandarbh
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 6
________________ अनुक्रम १. वह ज्ञाता होना चाहता है २. यह दुःख कहां से आ रहा है ? ३. स्वतंत्र भी बंधा हुआ है ४. बोया बीज बबूल का, आम कहां से होय ? ५. क्या दरवाजा बंद है ? ६. मनोवृत्ति को बदला जा सकता है ७. आत्मा और परमात्मा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 66