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कारण होता है और उत्पाद कारण भी होता हैं । यदि मान लें कि कारणभूतउपयोगी-सहयोगी वस्तुएँ ही न हों, मूलभूत वस्तु ही न हो तो उसके बिना संकल्पित अथवा इच्छित वस्तु कोई भी कैसे बना सकता है ? यदि ऐसा संभव होता, तो कुम्हार सोने - चाँदी का घड़ा भी बना सकता, हीरे-मोती का घड़ा भी बना सका होता, परन्तु ऐसा तो कभी भी देखा नहीं । कुम्हार मिट्टी के घड़े ही क्यों बनाता है ? क्यों कि मिट्टी - पदार्थ ही मूल में उपलब्ध है, अतः वह मिट्टी का ही घड़ा बना सकता है अन्य का नहीं ।
इसी प्रकार सृष्टि बनाने के लिये ईश्वर के पास क्या क्या उपलब्ध था ? उसने किन किन पदार्थों की सहायता लेकर यह सृष्टि बनाई ? किस में से क्या बनाया ? किस में से पानी बनाया, वायु, अग्नि, पृथ्वी, आकाशादि किस में से बनाए ? आकाश किस पदार्थ में से बनाया ? क्या आकाश का निर्माण शक्य हैं?... अथवा क्या आकाश को पदार्थों के संयोग से बनाया हैं ? आकाश के संबंध में जैसे यह प्रश्न उठता है उसी प्रकार जगत के लाखों करोड़ो पदार्थ-वस्तुओं के विषय में भी ऐसा ही प्रश्न उठता है । मूलभूत कारण के रूप में रहने वाले पदार्थ कौन से और उन में से बनते हैं, अथवा उनके संयोगात्मक स्वरूप में निर्मित होते पदार्थ कौन से ? किसके संयोग से पृथ्वी-पर्वत बनाए ? किस में से बनाए? अथवा किसके संयोग से - किसके योग-संयोग अथवा मिश्रण में से बनाए ? किस प्रकार अनन्त वस्तुएँ बनाई ?
- भौतिक जड सृष्टि किस में से बनाई और चेतन जीव सृष्टि किस में से बनाई ? मानव का यह शरीर, पशु - पक्षी आदि सब किसमें से बनाए ? क्या इन्हें सत् में से बनाया या असतमें से बनाया ? जिस प्रकार दो गेंसे - हाइड्रोजन और
ओक्सीजन मिलाने से तीसरा पदार्थ पानी बनता है । वर्तमान विज्ञान की यह शोध हैं । इसका सूत्र formula है H,O = water | यहाँ दोनों गेसें पहले से मूल रूप से सत् पदार्थ रूप में है और उनमें से जो पानी बना वह भी सत् रूप ही है, असत् रूप में कुछ भी नहीं है । जादूगर भी बनाता है तो विद्यमान पदार्थों की सहायता लेकर ही काम करता है । दियासलाई - माचिस - कागज लेकर एक डिब्बे में रखता है, फिर नीचे का दूसरा डिब्बा खोलकर दो कबूतर उड़ाता है । वास्तव में कागज जलाने से और उसे डिब्बे में रखने से कबूतर नहीं बने, परन्तु नीचे के दूसरे डिब्बे में पहले से कबूतर भर रखे थे , जिसे खोलकर कबूतर उड़ाकर दिखा दिये । बस, यह तो मात्र हाथ-चालाकी है । यह हाथ चालाकी और कार्य की तीव्र
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