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मुंहता नैणसीरी ख्यात
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ऊपर गयो । वे वदनोर छाड़ नीसरीया! | राणें वांसो कीयो । अटाळी कुनै आवतां गाडनूं पोहता । तठे राव सुरताणरो परघांन सांखलो रतनो साळो पिण हुतो । तिण एकल असवार पाछा वाळीया' । रात पाछली घड़ी ४ रही थी सारा उंघावता था । जैमल घुड़ हल' वैठो थो । रतनो आइ साथ भेळो' हुवो । आवतो २ राँणारी वैहल निजीक आयो । खुर घोड़ो कर ने जैमलरै रतने साँखले वरछी छाती माँह लगाई । मरमरी लागी । राँणो मुंबो । पारवतीरे' रतनानूं मारीयो ।
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६. जैसो पिण सुणियो है "। जैमल मुंवाँ पर्छ रायमल मुदायत कीयो" पछै राँगो रायमल असमाधियो । तरै जैसो लायक नहीं । रजपूत राजी नहीं । तरै सांगानुं तेड़ नै हाजर कीयो । राँगो रायमल धरती घालीयो 14 | पछै राँगो रायमल मुंवो । साँगानू टीको हुवो । गीत राणा साँगारो
आयो आगर जक दनी जवनपुर, समहर संग सप्रांणो । दिलड़ी तणी धरा धक धूणै, रोस चईनो रांगो ॥ १ ॥ पारंभ माल पसरीयो परखंड, अत साहस ऊलटीयो । ढिलड़ी जोय जयँ धवळागिर, हिंदुवो रांगो हठीयो ॥ २ ॥
1 छोड़ कर निकल गये । 2 रानाने पीछा किया । 3 अटाली गांवके पास आते ही उनके गाड़ोंको पकड़ लिया । 4 पोछा लौटा दिया 15 सब नोंदमें थे 16 घोड़ोंका रथ । 7 शामिल हुआ 1 8 घोड़े के अगले पांचोंको (रथके ऊपर) उठा कर 16 पासवालोंने । 10 'जैसा' के लिये भी सुना गया है । 11 जैमलके मरनेके वाद रायमलने उसको अधिकारी बनाया । 12 मरणासन्न हुआ 1 13 बुला कर । 14 रांना रायमलको धरती पर लिटाया । 15 राज्यतिलक हुआ ।
गीतका भावार्थ
युद्ध करनेमें महाबली, राना सांगा दिल्लीकी धराको नष्ट करता हुआ जिस दिन haran यवनों नगर लागरेमें आया, उसको देख लोग चकित हो गये ॥ १ ॥
पहले राना रायमलने पृथ्वीके दूसरे खंडोंमें अति साहससे अक्रमण किया था, feg अब दिल्ली प्रदेश और हिमालय तक जहां देखो वहाँ हिदुपति राना सांगा (विजय करने के लिये ) अपनी हठ पर चढ़ा हुआ है ॥ २ ॥