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मुंहता नैणसीरी ख्यात पवार महिपै राणा कुंभानूं भखायन' राव रिणमलजीनूं सूताj2 मारीयो । कवर जोधो बीजा राव रिणमलरा बेटा चीतोड़री तळहटीडेरे था सु नीसरीया' । कूभै फोज मेल मारवाड़ एक वार ली । पछै राव जोधेजी · रांणारो थांणो मार नै मंडोवर लीयो। पछै राणा ड्भारो चित टळ गयो । तर कुंभारे बेटे उदै राणा कुंभानू मारीयो । पछै रजपूतां मेवाड़रा ऊदानू कबूल न कीयो' । रायमल कुंभावतनू टीको दीयो।
५ रांणो रायमल । ५ ऊदो, जिण रांणा कूभानू मारीयो । पछ ... ओ अठारो काढीयो केई दिन सोझत रह्यो ।
५ नगारा नगावत ५ गोयंद अऊत गयो । ५ गोपाळ अउत गयो। ... ५ रांणो रायमल कुंभारो, चीतोड़ धणी हुवो । बेटो बड़ो बालाइ हुवो।
६ उडणो-प्रणो प्रथीराज निपट झाळपूळा हुवो" । टोडो नै जाळोर एक दिनरै बीच मारीया तरै आ वात पातसाह सुणी । तरै उडणो प्रथीराज कहांणौ । असंख प्रवाई जैतवादी रांणो रायमल जीवत ही मुनो ।
७ वणवीर। . ...६ जैमल रायमलोत । प्रथीराज मुवाँ पर्छ।4 टीकायत 15 रायमल रांण कीयो । पछै वदनोर राव सुरताण सोळंकी तारादेरै बाप - 1 वहका कर। 2 सोते हुएको। 3, 4. . . 'चित्तोड़के गढ़की तलहटीके डेरोंमें थे सो वहाँसे निकले। 5 मंडोरकी रक्षाके लिये राना कुंभाने वहाँ एक थाना लगा रखा था, जिसमें रहने वाले मनुष्योंको मार कर राव जोधाने मंडोर पर पुनः अपना अधिकार कर लिया। 6 राना कुंभाका चित्त विक्षिप्त हो गया । 7 स्वीकार नहीं किया। 8 यह यहाँसे निकाला गया। 9 अपुत्र मरा । 10 बली । 11 एक स्थान पर विजय करके उसी दिन अन्य शत्रुके किसी दूरके स्थान पर तीन गतिसे भाग कर प्रतिज्ञाके साथ दूसरी विजय करने वाला प्रिथीराज अत्यन्त उग्र और तेजस्वी हुआ। 12 जैपुर डिवीजनके टोडा-रायसिंह और मारवाड़के जालोर, इन दोनों पर्याप्त दूरस्थ स्थानोंको एक दिनमें विजय किया । 13 प्रिथीराज, उसके बाप राना रायमलके जीवन कालमें ही मर गया। 14, 15 प्रिथीराजके मरनेके बाद रायमलने जैमलको युवराज बनाया।