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(१३)
॥मो० ॥ ६ ॥ कंतनो गायो गायसुं ॥ हो लाल || श्रमचो काम एह ॥ सा० ॥ केवलि वातें रीजनुं ॥ ढो लाल ॥ के करी नवलो नेह ॥ सा०|| मो० ॥ ॥ ७ ॥ के जोजन युगते करी ॥ हो लाल ॥ के वली सजि सण गार ॥ सा०॥ के वली गीत गानेकरी ॥ हो लाल ॥ करसुं मुदित जरतार ॥ सा० ॥ मो० ॥ ८ ॥ चालीयें केम प्राणेशथी ॥ हो लाल ॥ थइ उपरांठा बेक ॥ सा० ॥ कपटें रमीयें तेहथी ॥ हो लाल ॥ तो डुवाए प्रभु एक ॥ सा० ॥ मो० ॥ ए ॥ पालव बांध्यो जेहथी ॥ हो लाल || तेहथी केम दुवे कूम ॥ सा० ॥ गरुरु
गल लघु चमकली ॥ हो लाल ॥ किहां लगे जाए ऊम ॥ सा० ॥ मो० ॥ १० ॥ त्रटकी मानवती तिहां ॥ हो लाल || बोली भृगुटी चढाय ॥ सा० ॥ रहो रे बाइ बोलीयुं ॥ हो लाल ॥ सी करो वातो बनाय ॥ सा० ॥ मो० ॥ ११ ॥ नारीयुं कामण गारीयुं ॥ हो लाल ॥ नर बापडा कुणमात्र ॥ सा० ॥ नारीये केइने बेतरया ॥ हो लाल ॥ सुं तुमे नवि सुणीवात ॥ सा० ॥ मो० ॥ १२ ॥ उमया ईस नचावीयो ॥ हो लाल ॥ वलि अहिल्यायें सुरेश ॥ सा०॥ परायें कृषि जोलव्यो ॥ हो लाल ॥ गोपीयें वली गोपेश ॥ सा० ॥ मो ॥ १३ ॥
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