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(१०२) ॥ १४ ॥ आपणे हससुं हो लाल, देई देई ताली राज ॥ श्म करे नारी रे खुणे बेठी वातडी ॥ १५ ॥ एहवे महिना हो लाल, षट थया जाण। राज॥ मान तुंग राजा रे दक्षिणरायने वीनवे॥१६॥ हवे तो गोत्र ज हो लाल, रह्या हसो पूजी राज ॥ ते माटे आपो रे हवे मुने सीखमी ॥ १७ ॥ ससरो नाखे हो लाल, गोत्रज केही राज ॥ पूजवू डे केहने रे ए तो आज में सांजदयुं ॥ १७ ॥ साहमुं तमारे हो लाल, जईने उोणी राज ॥ पूजवी ने गोत्रज रेबठे मासे साहि बा ॥ १५ ॥ अमे तो सुं जाणुं हो लाल, तुम घर वातो राज ॥ राउली वमारणरे आवी मांने कही गई ॥२०॥ ढील तो अमारी हो लाल, कोई नथी जाणो राज ॥ ढील तुमारी रे हूंती एता दीहनी ॥२१॥ मानतुंग राजा हो लाल, ससराने जंपे राज ॥ गोत्रज को रे अमारे नयी पूजवी ॥ २२॥ गुरणी तुमारी हो लाल, परण्या तिणे दिन राज ॥ एवं खवा मी रे मुने एहवं कहि ग॥ २३ ॥महीने हो लाल, घरणी मिलसे राज ॥ ससरो हांथी रे थाने जावा नही दीए ॥ २४ ॥ तेहना कह्याथी हो लाल, श्हां अमें रहिया राज ॥ माहरे वमारण रे संगे आ
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